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High court news: बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता पैनल के गठन पर सरकार और परिषद से कोर्ट ने मांगा जवाब

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 10:41 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad High Court) ने दो माह पहले गठित बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता पैनल(Advocate Panel of Basic Education Council) की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है.

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प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह पहले गठित बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता पैनल की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र और राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद की अधिवक्ता को सुनकर दिया है.

याचिका के माध्यम से याची ने गत पांच व नौ जुलाई के आदेशों की वैधता पर इस आधार पर सवाल उठाया है कि ये यूपी बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 के प्रावधानों और प्रासंगिक सरकारी आदेश के विपरीत हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेन्द्र का कहना था कि अधिवक्ता पैनल गठित करने के ये आदेश यूपी बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 के निहित प्रावधानों के विपरीत हैं. राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों का भी उल्लंघन हैं, इसलिए दोनों आदेश रद्द किए जाने योग्य हैं. कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद को याचिका पर जवाब के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. वहीं, इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तारीख लगाई गई है.

याचिका में आरोप है कि बेसिक शिक्षा परिषद के वकीलों का जो नया पैनल नियुक्त किया गया है, वह राज्य सरकार के अनुमोदन के बिना बनाया गया है. पैनल गठित के लिए बकायदा विज्ञापन जारी करके अगस्त 2022 में अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे गए थे. उस विज्ञापन के तहत लगभग पांच हजार वकीलों ने आवेदन किया था. सितंबर 2022 में सरकार की गाइड लाइन में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि पैनल के वकीलों का चयन स्क्रीनिंग कमेटी करेगी.

लेकिन, स्क्रीनिंग कमेटी के अनुमोदन के बगैर मनमाने तरीके से सचिव परिषद ने अपने चहेतों को आनन फानन में पैनल में शामिल कर लिया है. यह भी कहा गया है कि पैनल के लिए विज्ञापन पहले जारी कर दिया गया और गाइड लाइन बाद में आई. बेसिक शिक्षा सचिव कार्यकारी सचिव के तौर पर कार्य कर रहे हैं. इसलिए नियमानुसार उन्हें पैनल नियुक्त करने का अधिकार नहीं था. गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने गत पांच जुलाई को परिषद का नया अधिवक्ता पैनल नियुक्त करते हुए पिछले पैनल में शामिल वकीलों तत्काल प्रभाव से हटा दिया था.

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