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अब जेल में मोबाइल इस्तेमाल करना होगा मुश्किल, मिलेगी ये सजा..

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Published : Oct 4, 2021, 6:54 PM IST

जेल में बंद कैदियों को मोबाइल इस्तेमाल करना अब आसान नहीं होगा. जेल में मोबाइल अथवा अन्य प्रतिबंधित उपकरण उपयोग करने पर कड़ी सजा मिलेगी. इस नए बदलाव को कारागार अधिनियम-1894 एक्ट में संशोधन करके लागू किया गया है, रिपोर्ट पढ़िए..

अब जेल में मोबाइल इस्तेमाल करना होगा मुश्किल
अब जेल में मोबाइल इस्तेमाल करना होगा मुश्किल

प्रयागराज :मोबाइल इस्तेमाल करने वाले जेल में बंद कैदियों को अब कड़ी सजा मिलेगी. जेल में बंद कैदी मोबाइल अथवा किसी दूसरे प्रतिबंधित माध्यम से बात करते हुए पकड़े जाने पर इसे गंभीर अपराध माना जाएगा. इस कड़े प्रावधान के तहत सजा व जुर्माना बढ़ाया गया है. कैदियों को अब मोबाइल का इस्तेमाल करना पहले की अपेक्षा आसान नहीं होगा.

बता दें, कि अभी तक जेल में बंद कैदियों द्वारा मोबाइल इस्तेमाल करना संज्ञेय अपराध नहीं माना जाता था. जेल परिसर में ऐसा कृत्य करने पर 200 रुपये का मामृली जुर्माना और अधिकतम 6 महीने की सजा का प्रावधान था. सख्त कानून न होने की वजह से जेल में बंद माफिया मोबाइल का इस्तेमाल करने से नहीं चूकते थे. मोबाइल उपयोग करने के मामलों में कई बार जेल प्रशासन व सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

अब जेल में मोबाइल इस्तेमाल करना होगा मुश्किल

प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया, कि सरकार ने जेल के प्रिजनर्स एक्ट में संशोधन करते हुए कानून को और सख्त कर दिया है. अब जेल के अंदर से मोबाइल व इंटरनेट चलाना संज्ञेय व गैर जमानती अपराध माना जाएगा. अब जेल में मोबाइल इंटरनेट के साथ ही किसी भी बेतार वाले संचार माध्यम का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर कड़ी सजा मिलेगी.

मोबाइल अथवा कोई अन्य प्रतिबंधित उपकरण उपयोग करते हुए पकड़े जाने पर बंदियों को कारागार अधिनियम-1894 एक्ट के तहत अब 3 से 5 साल की सजा के साथ 20 से 25 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. ये सजा उन बंदियों को पहले से मिली हुई सजा के अतिरिक्त होगी.

बता दें, कि जेल में बंदियों के द्वारा मोबाइल फोन व इंटरनेट इस्तेमाल करने के मामले लगातार सामने आ रहे थे. जिसको देखते हुए सरकार ने कारागार अधिनियम-1894 एक्ट को संशोधन करते हुए उसे अब ज्यादा सख्त बना दिया है. पहले जेल के अंदर मोबाइल का इस्तेमाल करने पर अधिकतम 6 माह की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लगता था. वहीं अब इस मामले को संज्ञेय व गैर जमानती अपराध बना दिया गया है.

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