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सीधी भर्ती वाले दरोगाओं और इंस्पेक्टरों को मिलेगा प्रशिक्षण अवधि का पूरा वेतन, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 10:15 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीधी भर्ती से नियुक्त दरोगाओं और इन्स्पेक्टरों को प्रशिक्षण अवधि का पूरा वेतन देने का आदेश दिया है. जिसको अधिकारियों को 2 महीने में पारित करना है. वहीं, दारोगाओं के प्रमोशन में भी प्रशिक्षण अवधि जुड़ेगी.

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प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में सीधी भर्ती से नियुक्त दारोगाओं को प्रशिक्षण अवधि का भी पूरा वेतन देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि आलोक कुमार सिंह व अन्य के केस में विशेष अपील में पारित आदेश के अनुसार प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक भवन एवं कल्याण तथा डीजीपी हेडक्वार्टर उत्तर प्रदेश लखनऊ को आदेश पारित करें. अधिकारियों को दो माह के अंदर आदेश पारित करना है.

यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने नोएडा एनसीआर, गाजियाबाद, मेरठ जोन, आगरा जोन, प्रयागराज जोन, गोरखपुर जोन, कानपुर जोन, बरेली जोन, एवं वाराणसी जोन के विभिन्न जनपदों में तैनात दारोगाओं एवं पुलिस इंस्पेक्टरो की तरफ से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है. दरोगाओं एवं इंस्पेक्टरों की तरफ से याचिकाएं दाखिल कर कोर्ट से मांग की गई थी कि उनके प्रशिक्षण अवधि का वेतन एवं प्रशिक्षण अवधि को उनकी सेवाओं में जोड़ते हुए वेतन वृद्धि प्रदान करने का कोर्ट द्वारा निर्देश दिया जाए. याचिकाएं लोकेश कुमार गौतम तथा 114 अन्य, विपिन कुमार व 186 अन्य, मनीष कुमार सिंह व 17 अन्य, तथा अनिल कुमार वर्मा व 37 अन्य ने दाख़िल की थी.


इंस्पेक्टरों व दारोगाओं की तरफ से कोर्ट में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याचियों के समकक्ष अन्य दरोगाओं व इंस्पेक्टर्स को प्रशिक्षण की अवधि के वेतन एवं भत्ते प्रदान किए गए हैं. जबकि याची इंस्पेक्टर्स व दरोगाओं को प्रशिक्षण की अवधि में स्टाइपेंड प्रति माह दिया गया है. उनके प्रशिक्षण अवधि को उनकी सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है और न ही उनको अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी गई है. कोर्ट में बहस की गई थी कि उक्त प्रकरण में हाईकोर्ट ने आलोक कुमार सिंह व अन्य में पारित विशेष अपील के आदेश में सीधी भर्ती द्वारा चयनित दरोगाओं को भी ट्रेनिंग की अवधि में वेतन दिए जाने का निर्देश दिया है. अधिवक्ता का कहना था कि सरकार विशेष अपील में पारित आदेश 8 सितंबर 2019 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी भी हार चुकी है. इस कारण अब याचीगण को भी अन्य समकक्ष लोगों की भांति ट्रेनिंग के पीरियड की दी गई सैलरी प्रदान की जाए.

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