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हाईकोर्ट के वर्चुअल सुनवाई से नाराज वकीलों का अनशन जारी, चीफ जस्टिस से पुलिस फोर्स हटाने की मांग

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Published : Jan 12, 2022, 11:02 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट में केसों की वर्चुअल सुनवाई का विरोध कर रहे वकीलों के प्रदर्शन व हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक को लेकर भारी फोर्स लगाई गई है. इसको लेकर वकीलों का विरोध और बढ़ता जा रहा है.

हाईकोर्ट के वर्चुअल सुनवाई से नाराज वकीलों का अनशन जारी
हाईकोर्ट के वर्चुअल सुनवाई से नाराज वकीलों का अनशन जारीहाईकोर्ट के वर्चुअल सुनवाई से नाराज वकीलों का अनशन जारी

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में केसों की केवल वर्चुअल सुनवाई करने के निर्णय से नाराज वकीलों का क्रमिक अनशन लगातार जारी है. वर्चुअल सुनवाई का विरोध कर रहे वकीलों के प्रदर्शन व हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक को लेकर भारी फोर्स लगाई गई है. इसको लेकर वकीलों का विरोध और बढ़ता जा रहा है. वहीं, मंगलवार को काफी संख्या में वकीलों ने अनशन स्थल पर पहुंच कर इसका विरोध कर रहे बार के पूर्व पदाधिकारियों का प्रोत्साहन किया.

क्रमिक अनशन पर बैठे बार के पूर्व पदाधिकारी अभिषेक शुक्ल व संजीव सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट में केवल वर्चुअल सुनवाई होगी. वकील इसका तब तक विरोध करेंगे, जब तक कि खुली अदालत में सुनवाई शुरू नहीं हो जाती. वहीं, चीफ जस्टिस ने आदेश दिया है कि हाईकोर्ट में सिर्फ वर्चुअल सुनवाई ही होगी और शारीरिक सुनवाई को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है.

अधिवक्ताओं को परिसर में जाने से रोक दिया गया है. इसके विरोध में अधिवक्ता विगत दो दिनों से क्रमिक अनशन कर रहा है. आज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह अपने समर्थकों के साथ आकर अभिषेक शुक्ला पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन एवं संजीव कुमार सिंह पूर्व सचिव लाइब्रेरी द्वारा चलाए जा रहे अनशन को अपना समर्थन प्रदान किया.

इसके अलावा वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारी श्यामा चरण त्रिपाठी, दिलीप कुमार यादव, ऊष्मा मिश्रा संयुक्त सचिव महिला, अनुज कुमार सिंह कार्यकारिणी सदस्य, उदय शंकर तिवारी, शरद सिंह, विनोद त्रिपाठी, करण सिंह, अनिमेष चटर्जी, आमोद त्रिपाठी, रविंद्र त्रिपाठी, रमेश कनौजिया, सुभाष यादव, अजय कुमार, अभय नाथ, प्रशांत सिंह सोम, उत्तम कुमार बनर्जी, सहित भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने क्रमिक अनशन को अपना समर्थन प्रदान किया.

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वकीलों ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर सिर्फ वर्चुअल सुनवाई के पक्षधर नहीं हैं. अभिषेक शुक्ला ने कहा कि न केवल अधिवक्ता बल्कि प्रदेश की आम जनमानस के लिए भी न्याय का मंदिर बंद किया जाना लोकतंत्र में न्याय की हत्या के समान है. संजीव कुमार सिंह ने भारी पुलिस बल द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय को जो छावनी के रूप में परिवर्तित किया गया है, इसका प्रबल विरोध करते हुए चीफ जस्टिस से निवेदन किया कि तत्काल प्रभाव से इस पुलिस बल को उच्च न्यायालय के पास से हटाया जाए, अन्यथा यह क्रमिक अनशन एक वृहद आंदोलन का रूप लेगा.

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