पीलीभीतःबीसलपुर की रामलीला का बड़ा ही अनोखा इतिहास है. यहां विजयादशमी (Dussehra) वाले दिन लोग काफी डरे-सहमे रहते हैं. इसकी वजह है यहां पर लंकेश का किरदार निभाने वाले तीन पात्रों की अब तक हो चुकी मौत. एक बार तो यहां तत्कालीन डीएम और एसपी के सामने ही रावण वध के मंचन के दौरान चलाए गए तीर से रावण का पात्र निभाने वाले कलाकार की मौत हो गई थी. यहां के लोग इसे सच्ची रामलीला के नाम से पुकारते हैं.
यहां रावण की भूमिका निभाने वाले दिनेश रस्तोगी लंकेश बताते हैं कि यहां रावण की भूमिका निभाने वाले मुंशी छेदालाल का देहावसान वर्ष 1962 में ठीक विजयदशमी के दिन लीला परिसर में लीला खेलते समय हो गया था. इसके बाद रावण का पात्र निभाने वाले मोती महाराज की मृत्यु भी दशहरा वाले दिन वर्ष 1978 में मेला मैदान पर हुई थी, जिस समय रावण मारा गया था. वर्ष 1987 में रावण की भूमिका अदा करने वाले कल्लूमल उर्फ गंगा विष्णु ने भी रावण वध लीला के समय प्राण त्याग दिए थे.