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विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर बीएसपी की तैयारी, ब्राह्मण को लुभाने की कर रहे कोशिश

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Published : Aug 8, 2021, 10:49 PM IST

ब्राह्मण को लुभाने की बीएसपी की कोशिश

उत्तर प्रदेश में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव का बिगुल पूरी तरह बज चुका है. जिसके चलते इस बार वोटरों को लुभाने के लिए जहां बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है.

मुजफ्फरनगरः अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सारी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. वोटरों को लुभाने के लिए जहां एसपी-लोकदल मिलकर भाईचारा सम्मेलन कर रहे हैं. वहीं बीएसपी ब्राह्मण सम्मेलन कर खुशी दुबे के मुद्दे के साथ ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी है.

दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को जानसठ रोड स्थित ग्रीन एप्पल बैंकट हॉल में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के तत्वाधान में प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान, सुरक्षा और तरक्की को लेकर विचार संगोष्ठी सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे. वहीं बहुजन समाज पार्टी के दर्जनों नेता और हजारों की संख्या में ब्राह्मण और 36 बिरादरी के लोग भी विचार गोष्ठी में मौजूद दिखे. लेकिन मुख्य अतिथि सतीश चंद्र ने मंच से भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी में बढ़ते अपराध और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और ब्राह्मणों के एनकाउंटर के साथ ही खुशी दुबे के मुद्दे पर सरकार पर जमकर निशाना साधा.

राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा

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सतीश चन्द्र मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश में झूठे वादों के सहारे आई थी. उनके बारे में आपके सामने कुछ बातें रखें. क्योंकि ये तुम्हारे बीच दोबारा आएंगे और फिर झूठे वादे करेंगे. ये धर्म के नाम पर, देश के नाम पर, विकास के नाम पर, नौकरियों के नाम पर और किसानों के नाम पर झूठे वादे आपके बीच रखेंगे. वो आपको दोबारा चोट पहुंचाने का काम करेंगे. सतीश चन्द्र मिश्रा यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि दलित समाज के लोग हों या फिर ब्राह्मण समाज के लोग पिछले साल सालों से उनके साथ उत्पीड़न हो रहा है. किस तरह से उनकी हत्या हो रही है. एनकाउंटर के नाम पर गाड़ी से उतारकर सिर्फ नाम पूछ करके उन्हें गोली मारी जा रही है. वे लखनऊ में राकेश पांडेय को घर से उठाकर ले गए. वह अपने माता-पिता का इलाज करा रहा था और उसे ले जाकर गोली मार दी. जबकि उसका कानपुर के मामले में कोई लेना-देना नहीं था.
आपको बता दें 2022 के चुनाव को लेकर सभी पार्टियां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ पूरे प्रदेश में सम्मेलन कार्यक्रम शुरु कर अपना वोट बैंक बनाने में कड़ी मशक्कत के साथ लगी हुई हैं.

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