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सिवालखास विधानसभा 43 : कहीं हो रही विधायक की तारीफ तो कहीं लोग दिखा रहे आईना

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Published : Sep 26, 2021, 1:51 PM IST

सिवालखास निवासी कलीम कहते हैं कि मुस्लिम इलाकों में विधायक नहीं आते. वो कहते हैं कि सरकार भी एकतरफा काम कर रही है. उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि सभी का होता है लेकिन विधायक सिर्फ अपने खास लोगों से ही मिलते हैं. उनका कहना है कि इस बार क्षेत्र में लोग चाहते हैं कि बदलाव हो.

सिवालखास विधानसभा 43 : कहीं हो रही विधायक जी की तारीफ तो कहीं लोग दिखा रहे आईना
सिवालखास विधानसभा 43 : कहीं हो रही विधायक जी की तारीफ तो कहीं लोग दिखा रहे आईना

मेरठ:जिले की सिवालखास विधानसभा सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है. इसी बीच विधानसभा चुनाव 2022 (assembly election 2022) नजदीक आने के साथ ही अब जनता अपने जनप्रतिनिधियों के रिपोर्ड कार्ड तैयार करने में लग गई है. चौक चौराहों पर चुनावी माहौल दिखने लगा है.

सिवालखास विधानसभा सीट (Siwalkhas assembly seat) पर कांटे की टक्कर में भाजपा के जितेंद्रपाल सतवाई विधानसभा पहुंच पाए थे. विधायक ने क्षेत्र में कितना विकास किया व अन्य दलों को लेकर इस विधानसभा क्षेत्र के लोग क्या सोचते हैं आदि बिंदुओं को लेकर चुनावी परिचर्चा के कुछ अंश..

सिवालखास विधानसभा 43 : कहीं हो रही विधायक जी की तारीफ तो कहीं लोग दिखा रहे आईना

सिवालखास विधानसभा मेरठ (Meerut) जिले के अंतर्गत आने वाली विधानसभा है जबकि ये सीट बागपत संसदीय सीट (Baghpat parliamentary seat) के अंतर्गत आती है. इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला था. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर बीजेपी अपना कमल खिलाने में कामयाब रही थी. यहां से भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र सतवाई ने समाजवादी पार्टी के उस वक्त के विधायक गुलाम मोहम्मद को शिकस्त दी थी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मोहम्मद फ़ारुख़ कहते हैं कि विकास तो होता ही रहता है लेकिन सरकार अच्छी है. उन्होंने बताया कि पहले क्षेत्र में चोरियां बहुत ज्यादा होती थीं. लेकिन अब रोक लगी हैं. विधायक के बारे में फ़ारुख़ कहते हैं कि विधायक भी उन्हें पसंद हैं. वो कहते हैं कि क्षेत्र में कार्य हो रहा है.

यहां के ईशा खान का कहना है कि क्षेत्र में दो नई समस्याओं से लोग परेशान हैं. बताया कि बेसहारा गोवंशों की वजह से फसलें चौपट हो रहीं हैं. फसलों को बचाने में किसान लगे रहते हैं. फ़ारुख़ का कहना है कि कस्बे के बाहर पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हैं.

इस वजह से जलभराव की समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है. जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की गई. फ़ारुख़ का आरोप है कि विधायक ने कभी इन दिक्कतों को नहीं समझा. बताया कि इस बार लोग नाराज हैं. यहां के लोगोंं का इस बार रूझान गठबंधन की तरफ है.

धर्मेंद्र सोम बताते हैं कि विधायक बेहद ही सरल स्वभाव के हैं. उनका कहना है कि विधायक गांव में ही रहते हैं. पूरे समय जनता के बीच रहते हैं. बताया कि सड़कों की हालत काफी खराब थी. काफी हद तक विधायक ने सड़कों को दुरुस्त करने की कोशिश की है.

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मोहम्मद हरमूद कहते हैं कि पुलिस की अवैध वसूली क्षेत्र में जारी है. हालांकि सरकार अच्छी है. उन्होंने कहा कि उनका कच्चा घर था. अब योगी सरकार की वजह से वो पक्के घर में रहेंगे. मोहम्मद अय्यूब कहते हैं कि अब उनके यहां गुंडागर्दी पर नकेल लगी है. पहले अपराध बहुत ज्यादा था.

सिवालखास निवासी कलीम कहते हैं कि मुस्लिम इलाकों में विधायक नहीं आते. वो कहते हैं कि सरकार भी एकतरफा काम कर रही है. उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि सभी का होता है लेकिन विधायक सिर्फ अपने खास लोगों से ही मिलते हैं. उनका कहना है कि इस बार क्षेत्र में लोग चाहते हैं कि बदलाव हो.

अंकुर सांगवान ने बताया कि पहले हालात बेहद खराब थे. क्षेत्र में अपराध चरम पर था. लूट होती थी. दिनदहाड़े किसानों के पशु लूट लिए जाते थे. कहा कि इस सरकार में व विधायक के क्षेत्र में सक्रिय रहने की वजह से अपराध पर नियंत्रण है. राहजनी और लूट जैसी घटनाएं अब नहीं होतीं.

बता दें कि विधायक जितेंद्रपाल का गांव सतवाई है. गांव के पास की सड़क पूरी तरह से जर्जर अवस्था में हैं. इससे निकलने वाले लोग अपने चुने जनप्रतिनिधियों को खूब कोसते हैं. बुजुर्ग बलवीर सिंह ने बताया कि सड़कों पर चलना दूभर है. बलवीर कहते हैं कि विधायक का कहना है कि वो बराबर कोशिशें कर रहे हैं. हालांकि सरकार सड़क बनाने की मंजूरी नहीं दे रही है. विधायक की पार्टी की सरकार है और विधायक के गांव से लगी सड़क जर्जर है. अब 2022 में जनता क्या निर्णय लेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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