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Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में अगली सुनवाई 10 फरवरी को

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Published : Jan 25, 2023, 7:33 AM IST

Updated : Jan 25, 2023, 2:03 PM IST

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई करने का फैसला किया है. अब अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

मथुरा
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में वकीलों के बयान

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय की कोर्ट में सुबह सुनवाई शुरू हुई. वादी और प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने कोर्ट में अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है. प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

बीते 8 दिसंबर 2022 को हिंदू सेना संगठन विष्णु गुप्ता द्वारा सिविल जज सीनियर डिविजन तृतीय की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर विवादित स्थान का निरीक्षण सरकारी अमीन से कराने को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए उसी दिन सरकारी अमीन से निरीक्षण के साथ नक्शा बनाकर रिपोर्ट 20 जनवरी को प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे. 20 जनवरी को मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दस्तावेज न्यायालय में जमा करते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी. उसी को लेकर आज कोर्ट ने पहले मुस्लिम पक्ष के 7 रूल 11 पर सुनवाई का निर्णय लिया है. जब तक सभी प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक विवादित स्थान पर सरकारी अमीन नहीं जाएगा. प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 10 फरवरी को तय की गई है.

विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल की गई याचिका वाद संख्या 839 में दो प्रतिवादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने अपना वकालतनामा प्रकरण में दाखिल किया. शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने पहले ही अपना वकालतनामा व आपत्ति दाखिल कर चुके हैं.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर हिंदू सेना संगठन ने न्यायालय में जो वाद दाखिल किया है, उसमें चार प्रतिवादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रतिवादी बनाया गया है.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था, उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.

मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि आज सिविल जज सीनियर डिविजन तृतीय की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण को लेकर सुनवाई हुई थी. उन्होंने पहले ही आपत्ति दस्तावेज दाखिल किए थे. उस पर बहस करते हुए कहा गया कि पहले यह तय किया जाए कि यह मुकदमा चलने लायक है या नहीं और दूसरा प्रार्थना पत्र उन्होंने 7 रूल 11 को लेकर दाखिल किया था. कोर्ट 7 रूल 11 सुनने के लिए तैयार हो गया है. सभी प्रार्थना पत्र का निस्तारण होगा. पहले सुनवाई 7 रूल इलेवन सीपीसी पर होगी.

सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता जेपी निगम ने बताया कि आज प्रकरण को लेकर सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से वकालतनामा दाखिल किया गया. उन्होंने कहा कि उनको भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. फिलहाल, इस प्रकरण को लेकर अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान की ओर से अपना वकालतनामा कोर्ट में दाखिल किया है. आज इस प्रकरण को लेकर वादी और प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता की ओर से बहस हुई थी. वकालतनामा जमा होने के बाद उन्हें भी अपनी बात रखने का समय दिया जाएगा.

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Last Updated : Jan 25, 2023, 2:03 PM IST

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