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नकुल दुबे ने सरकार को घेरा, कहा सरकारी भ्रष्टाचार पर कब चलेगा बुलडोजर

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Published : Nov 22, 2022, 8:00 PM IST

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कुम्भ घोटाला, अयोध्या जमीन घोटाला, पशुधन घोटाला, डीएचएफएल घोटला, स्मार्ट मीटर घोटाला, सहकारिता विभाग घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, इंवेस्टर समिट आयोजन घोटाला, रोजगार परीक्षा आयोजन घोटाला की जांचें सब अधूरी हैं. मुख्य आरोपियों के घरों पर योगी जी का बुलडोजर नहीं चलता. यह बातें नकुल दुबे मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहीं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे (Uttar Pradesh Congress Provincial President Nakul Dubey) कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी की नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा को जन समर्थन प्राप्त हो रहा है उससे निश्चित ही कांग्रेस पार्टी को सफलता प्राप्त होगी. यात्रा का उद्देश्य जन जन तक पहुंच सके तथा कुशलता के साथ यात्रा का समापन हो मैं ऐसी प्रार्थना करता हूं.

उन्होंने उत्तर प्रदेश में व्याप्त सरकारी भ्रष्टाचार पर चिन्ता जाहिर करते हुए योगी सरकार से सवाल किया कि आखिर सरकारी भ्रष्टाचार पर कब चलेगा बुलडोजर? कुम्भ घोटाला, अयोध्या जमीन घोटाला, पशुधन घोटाला, डीएचएफएल घोटला, स्मार्ट मीटर घोटाला, सहकारिता विभाग घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, इंवेस्टर समिट आयोजन घोटाला, रोजगार परीक्षा आयोजन घोटाला इत्यादि मामलों में जितनी भी जांचें की गईं, सब अधूरी हैं, किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची. मुख्य आरोपी खुले घूम रहे हैं, मगर उनके घरों पर योगी जी का बुलडोजर नहीं चलता. नकुल दुबे पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.

नकुल दुबे ने दुबे ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है. आए दिन महिलाओं, किशोरियों पर अत्याचार की घटनायें योगी सरकार की महिला सुरक्षा नीति की पोल खोल रही हैं. एक सर्वे के मुताबिक यूपी में प्रतिदिन 12 रेप की घटनाएं घट रही हैं जिसे देखकर यह लगता है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है. प्रदेश में जीरो टालरेन्स पर क्राइम का दावा करने वाली योगी सरकार विफल साबित हो चुकी है. शहरों में लूट चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं.


उन्होंने प्रदेश के किसानों की हालत पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि आज देश में किसानों की स्थिति दयनीय हो गयी है. मोदीजी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी हो जाएगी, मगर उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने के बावजूद न तो किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिला पा रहा है और ना ही खाद उपलब्ध करा पा रही है सरकार. किसनों के सामने बड़ी समस्या सिंचाई की भी है बिजली के दामों में बेतहाशा बढोतरी हो गई है. लागत न मिलने की वजह से किसान आत्महत्या को मजबूर हैं. राजधानी लखनऊ भी इससे अछूती नहीं है.

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