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वन्यजीवों का ओल्ड एज होम बनता जा रहा Lucknow Zoo, चिड़ियाघर में जल्द आएंगे नए मेहमान

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 12, 2023, 5:08 PM IST

Updated : Oct 12, 2023, 7:00 PM IST

लखनऊ चिड़ियाघर का क्रेज काफी है, लेकिन बीते वर्षों में कई स्टार वन्यजीवों की मौत से रौनक थोड़ी कम हो गई है. गिने-चुने बचे स्टार वन्यजीवों का जीवन भी एकाकी हो गया है. ऐसे में लखनऊ चिड़ियाघर अपना पुराना आकर्षण खोता जा रहा है.

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वन्यजीवों का ओल्ड एज होम बनता जा रहा Lucknow Zoo. देखें खबर

लखनऊ : एक तरफ जहां प्राणी उद्यान वन्यजीव सप्ताह मना रहा है. वहीं दूसरी ओर वन्यजीवोंं की कमी चिड़ियाघर का आकर्षण कम कर रही हैं. प्रदेश का चर्चित नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान मौजूदा समय में वन्यजीवों का ओल्ड एज होम बनकर रह गया है. जहां ज्यादातर स्टार वन्यजीव औसत उम्र के करीब हैं. ऐसे में उनके कुनबे के विस्तार की संभावनाएं भी खत्म हो चुकीं हैं. चिड़ियाघर में पिछले पांच-छह वर्षों में कई स्टार वन्यजीवों की मौतें हुईं. ऐसे वन्यजीवों को दोबारा लाने की कवायद शुरू तो हुई, लेकिन फाइलों तक ही सीमित रही. वन्यजीवों को लाने की कवायद अरसे से पूरी नहीं हो पाई है. दूसरी ओर एकाकी जीवन जी रहे स्टार वन्यजीव की बढ़ती उम्र के चलते उनके कुनबे के विस्तार की संभवनाएं भी शून्य हो गईं हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में जू अपना आकर्षण खो देगा.

चिड़ियाघर में आएंगे नए मेहमान.

एक समय था जब चिड़ियाघर में लोग हुक्कू के बाड़े के सामने लोग जमावड़ा लगाए रहते थे. कोई सफेद बाघ आर्यन को देखने के लिए घंटों इंतजार करते थे. ऐसे कई वन्यजीव थे जो लखनऊ चिड़ियाघर का आकर्षण का केंद्र थे. इनके जाने से चिड़ियाघर में स्टार वन्यजीवों की कमी हो गई है. जू का मुख्य आकर्षण रहे दो वर्ष के हिप्पो बादल और फिर मुन्नी की चार साल पहले मौत हो गई थी. मौजूदा समय में हिप्पो धीरज (35) और आदित्य (5) हैं. वर्ष 2018 में चार हिप्पो थे. 35 साल के हुक्कू की अक्टूबर 2019 में मौत हो गई थी. उसे देहरादून से नवंबर 1988 में लाया गया था. वर्ष 2002 में उत्तराखंड से आई फीमेल हुक्कू रानी की पांच साल बाद मौत हो गई थी. 34 साल के गैंडा लोहित की वर्ष 2018 में मौत हो गई थी. वह 1983 में कानपुर प्राणि उद्यान में जन्मा था. इसी जुलाई में चिम्पॉजी जेसन की वृद्धावस्था के चलते मौत हो गई. अब फीमेल चिम्पाजी निकिता है. दोनों मैसूर जू से लाए गए थे. इसके अलावा सफेद बाघ आर्यन और बब्बर शेर पृथ्वी समेत कई वन्यजीव की भी मौत हो चुकी है.

ओल्ड एज होम बनता जा रहा Lucknow Zoo.
ओल्ड एज होम बनता जा रहा Lucknow Zoo.
ओल्ड एज होम बनता जा रहा Lucknow Zoo.


ये वन्यजीव पड़ गए अकेले :चिड़ियाघर की मुख्य आकर्षण जिराफ सुजाता यूपी में अकेली जिराफ है. उसे कोलकाता से वर्ष 2003 में लाया गया था. मेल अनुभव व सुजाता से वर्ष 2006 में मादा जिराफ खुशी हुई थी. खुशी को एक डेढ़ साल बाद मैसूर जू भेज दिया गया था. वर्ष 2014 में नर जिराफ अनुभव की मौत के बाद सुजाता अकेले रह गई. पिछले 15 वर्षों से पूंछवाला स्याह मुंह बंदर अकेला है. यह लगभग 25 साल जीता है. व्हाइट टाइगर विशाखा और जय हैं. मां-बेटे होने की वजह से कुनबा विस्तार नहीं हो सकता. वसुंधरा के वृद्धावस्था के चलते कुनबा विस्तार की संभावना शून्य है. जिनकी उम्र लगभग 16 वर्ष है. अन्य चार शेर के शावक हैं, लेकिन फीमेल हैं. इसके अलावा 13 बाघ व 13 तेंदुआ हैं, लेकिन किसी की उम्र पूरी हो चुकी है तो किसी की जोड़ी नहीं है.


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Last Updated : Oct 12, 2023, 7:00 PM IST

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