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यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर आज होगी दो बैठकें, 100 पूर्व जनप्रतिनिधि करेंगे शिरकत

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Published : Jun 22, 2021, 10:52 AM IST

उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मंगलवार को दो बैठकें होगी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायकों के साथ, तो सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सदस्यों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर रणनीति पर मंथन होगा. इस बैठक में 100 पूर्व जनप्रतिनिधि शिरकत करेंगे.

यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर दो बैठकें आज
यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर दो बैठकें आज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मंगलवार को दो बैठकें होगी. इनमें एक बैठक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अध्यक्षता में पूर्व विधायकों के साथ होगी. इसमें संगठन की मजबूती से लेकर टिकटों के वितरण पर चर्चा होगी. वहीं दूसरी बैठक कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई की अध्यक्षता में होगी, जिसमें सेवादल के सदस्यों के साथ प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल होंगे.

100 पूर्व जनप्रतिनिधि होंगे शामिल
उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव अगले साल हों, लेकिन काउंटडाउन अभी से शुरू हो गया है. राजनीतिक दल जिताऊ उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन शुरू करने लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पूर्व विधायकों के साथ प्रदेश कार्यालय पर बैठक करेंगे. उनसे संगठन की मजबूती पर मंथन करेंगे. साथ ही टिकट वितरण को लेकर भी चर्चा करेंगे.

प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठक में कम से कम 100 पूर्व विधायकों के शामिल होने की चर्चा हो रही है. इन पूर्व विधायकों से प्रदेश अध्यक्ष रायशुमारी कर यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर किस तरह की रणनीति तैयार की जाए, जिससे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मजबूत हो और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर किया जा सके.

यूपी कांग्रेस मुख्यालय

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सेवादल की दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक
कांग्रेस कार्यालय पर ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल की दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी मंगलवार से शुरू हो रही है. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्य संगठक लालजी देसाई मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. बैठक में साल भर के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक परिस्थितियों पर चिंतन होगा. इसके अलावा चुनाव को ध्यान में रखकर रणनीति तय की जाएगी.

बता दें कि कांग्रेस पार्टी पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से दूर है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में पार्टी ने गठबंधन के सहारे जीतने की कोशिश की, मगर वह नाकाम साबित हुई. इन अनुभवों के आधार पर कांग्रेस कई प्रयोग कर रही है. पहला, प्रियंका गांधी मंदिरों में जाकर सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर मुड़ने का संकेत दे रहीं है. दूसरा, मुसलमानों को भी अपने पाले में लाने का प्रयास किए जा रहे हैं. अब सबसे अधिक फोकस अब अपने तीन दशक पुराने परंपरागत वोटर ब्राह्मण समुदाय से समर्थन लेने पर है. इस कड़ी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी सवर्ण नेता के खाते में जाने की चर्चा की जा रही है. साथ ही मुख्यमंत्री के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे को यूपी के सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने की अटकलें भी लगाई जा रही है. फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की रेस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी, आचार्य प्रमोद कृष्णम और आरपीएन सिंह शामिल हैं. इसी को लेकर मंगलवार को ये दो बैठकें होनी है.

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