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हाथरस गैंगरेप केस के एक साल : प्रियंका ने सीएम योगी पर बोला हमला, कहा- महिला विरोधी सोच के अगुआ हैं यूपी के मुख्यमंत्री

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Published : Sep 14, 2021, 5:20 PM IST

हाथरस गैंगरेप केस के एक साल पूरे होने पर प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर बड़ा हमला बोला है. प्रियंका ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महिला विरोधी सोच के अगुआ हैं.

hathras gang rape case
हाथरस गैंगरेप केस

लखनऊ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को महिला विरोधी सोच का अगुआ बताया है. हाथरस की घटना को एक साल पूरा होने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार की खिंचाई की है.


प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर बोला हमला

प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि आज से एक साल पहले हाथरस में बलात्कार की भयावह घटना घटी थी और उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार को न्याय व सुरक्षा देने के बजाय धमकी दी थी और उनसे बेटी के साथ सम्मान अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया था. सरकार के अधिकारियों व भाजपा के नेताओं ने बयान देकर बलात्कार न होने जैसी बातें कही थीं व पूरी सरकारी मशीनरी की ऊर्जा पीड़िता का चरित्र हनन करने में खर्च की गई थी. महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर इतना खराब रुख रखने वाली सरकार के मुखिया से आप संवेदनशीलता की आस रख भी कैसे सकते हैं? वैसे भी यूपी के मुख्यमंत्री महिला विरोधी सोच के अगुआ हैं. वह कह चुके हैं कि महिलाओं को स्वतंत्र नहीं होना चाहिए.

प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर बोला हमला
हाथरस कांड के एक साल पूरे होने पर प्रियंका ने बोला हमला
प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को बताया महिला विरोधी

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बता दें कि यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी लगातार ट्वीट के जरिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हर मुद्दे पर घेरने का काम करती हैं. हाथरस की घटना के एक साल पूरे होने पर उन्होंने एक बार फिर महिला सुरक्षा के नाम पर योगी सरकार को आईना दिखाया है.

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यह था मामला

14 सितंबर 2020 को हाथरस की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसे जान से मारने की कोशिश की गई थी. जिसके बाद इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. इसके बाद प्रशासन ने आनन-फानन में आधी रात को पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार करा दिया था. जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों ने इस मामले को लेकर खूब हंगामा किया था. इसके बाद राज्य सरकार की जांच सीबीआई को दे दी थी.

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