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शातिर अपराधी और भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर निगरानी रखेगा पुलिस विभाग

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Published : Aug 7, 2020, 10:35 PM IST

उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुई घटनाओं को देखते हुए पुलिस विभाग अपराध को रोकने के लिए नई नीतियां बनाने में लगा है. इसी क्रम में पुलिस विभाग गैंगस्टर, शातिर अपराधी और भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर निगरानी रखने की तैयारी में है.

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कार्रवाई की तैयारी में उत्तर प्रदेश पुलिस

लखनऊ: यूपी में लगातार घट रही आपराधिक घटनाओं में पुलिस कर्मचारियों की संलिप्तता और लापरवाही पाई गई है. इसके बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारी गैंगस्टर, शातिर अपराधी और भ्रष्ट, लापरवाह पुलिस वालों पर निगरानी की योजना तैयार कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि विभाग इस पर विचार कर रहा है कि ऐसा सर्विलांस सिस्टम तैयार किया जाए, जिससे जहां एक ओर गैंगस्टर, शातिर अपराधियों पर नजर रखी जाए तो वहीं दूसरी ओर भ्रष्ट, लापरवाह और अपराधियों के संपर्क में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके. जिसके बाद ऐसे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके.

सिग्नेचर बिल्डिंग में तैनात एक शीर्ष पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी ने ईटीवी भारत को नाम न बताने की शर्त पर जानकारी दी कि हम इस ओर विचार कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल इसको लेकर कोई औपचारिक शुरू नहीं की गई है. जिस तरह से पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही और अपराधियों के संपर्क में रहने की बात निकलकर सामने आई है, ऐसे में आने वाले दिनों में कई पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों पर पुलिस विभाग बड़ी कार्रवाई कर सकता है.

हाल ही में सामने आई थी ऐसी घटनाएं
पिछले दिनों प्रदेश के कई जिलों में ऐसी घटनाए सामने आईं, जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आई थी. कुछ इसी तरह मंगलवार को गाजियाबाद में रिश्तेदार बच्ची के साथ छेड़छाड़ के विरोध में पत्रकार विक्रम जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि छेड़छाड़ के संदर्भ में पत्रकार विक्रम जोशी ने चौकी इंचार्ज से शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से न लेते हुए कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसका परिणाम यह हुआ कि अपराधियों ने विक्रम जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना के बाद भले ही गाजियाबाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कार्रवाई करते हुए चौकी इंचार्ज प्रताप और सब इंस्पेक्टर राघवेंद्र को निलंबित कर दिया हो, लेकिन पुलिस कर्मचारियों की लापरवाही ने कई सवाल खड़े किए हैं.

सिर्फ गाजियाबाद की घटना में ही नहीं कानपुर में विकास दुबे हत्याकांड में जिस तरह से पुलिस कर्मचारी की संलिप्तता निकलकर सामने आ रही है, ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं. अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए भले ही पुलिस विभाग तमाम दावे करता हो, लेकिन अपने पुलिस कर्मचारियों पर लगाम लगाने और उनकी कार्य क्षमता को बेहतर करने के लिए वर्तमान में पुलिस विभाग के पास कोई तंत्र मौजूद नहीं है. जिलों में तैनात पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों पर निगरानी रखी जा सके और घटनाओं पर पहले से कार्रवाई की जा सके.

गैंगस्टर और शातिर अधिकारियों की तैयार की जा रही लिस्ट
कानपुर में 8 पुलिस वालों की शहादत के बाद एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के टॉप माफियाओं की लिस्ट तैयार की थी. इसी क्रम में पुलिस विभाग जिलों में एक ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत जिले के गैंगस्टर और शातिर अपराधियों की लिस्ट तैयार कर इन पर निगरानी रखी जाएगी. इस व्यवस्था के तहत शातिर अपराधियों के संपर्क में रहने वाले पुलिस कर्मचारी पर भी निगरानी रखी जाएगी. वहीं अपराधियों के संपर्क में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही लापरवाह और कामचोर पुलिस कर्मचारियों को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा और इन्हें कभी प्रमुख पदों पर तैनाती नहीं दी जाएगी.

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