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मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, 'कार्ययोजना बनाकर मिशन मोड में किया जाए काम'

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2023, 7:12 PM IST

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (Minister Dharampal Singh) ने सोमवार को अभियान की तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए एक नवम्बर से 31 दिसम्बर तक चलाए जाने वाले अभियान की तैयारियों की सोमवार को समीक्षा की. अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बेहतर कार्ययोजना बनाकर मिशन मोड में काम किया जाए. किसी भी स्तर पर कोई व्यवस्थागत कमी न रहने पाए. संरक्षित किये जाने वाले निराश्रित गोवंश के देखभाल के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली जाएं. उनके चारे, भूसे, टीन शेड, पेयजल, विद्युत आपूर्ति और उपचार के इंतजाम पूरे कर लिए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि टीम-09 आगामी सात, आठ व नौ नवम्बर को अपने आवंटित मंडलों में मंडलायुक्तों के साथ बैठक करके अभियान को गति दें. विशेष सचिव स्तर के अधिकारी प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 21, 22 व 23 नवम्बर को जाकर अभियान की समीक्षा किए जाने के लिए निर्देश दिए जाएं.



उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण केंद्रों, गोआश्रय स्थलों के निर्माण और गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि 18 अक्टूबर को निदेशालय पर बैठक करके प्रदेश के सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को अभियान के संबंध में दिशा-निर्देश दिए. पशुधन मंत्री ने टीम-09 से लंपी रोग की अद्यतन स्थिति के संबंध में भी विस्तार से जानकारी ली. कहा कि जो पशु लंपी रोग से ग्रसित हैं उनका पर्याप्त उपचार किया जाए. टीकाकरण का अभियान तेजी से जारी रखा जाए.

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह

1.41 करोड़ पशुओं का टीकाकरण :उन्होंने बताया कि 'अब तक 1.41 करोड़ टीकाकरण किया गया है. लंपी रोग से प्रभावित जिलों की संख्या 41 है और 10,574 गोवंश रोग से ग्रसित हैं. मृत गोवंशों की संख्या 68 है और 9,605 गोवंश स्वस्थ हो गए हैं. 901 गोवंश का उपचार किया जा रहा है. मिशन एआई (कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम) के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए.



अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा. रजनीश दुबे ने बताया कि 'निर्माणाधीन वृहद गोसंरक्षण केंद्रों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण के लिए आवश्यक कार्य किये जा रहे हैं. निराश्रित गोवंश को संरक्षित करते समय संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, ट्रैक्टर और कैटल कैचर की सहायता ली जाए.'

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