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लखनऊ को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बनेगा इंटीग्रेटेड स्टाॅर्म वाॅटर ड्रेनेज प्लान

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 11:03 PM IST

बारिश के दौरान लखनऊ में हर साल भारी जलभराव होता है. इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम और संबधित विभाग अब तक करोड़ों का बजट खपा चुका है. इसी कड़ी में अब लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी व राजकीय निर्माण निगम ने संयुक्त रूप से काम शुरू करेगा.

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लखनऊ :लखनऊ में भारी बरसात के कारण होने वाले जलभराव की समस्या से हमेशा के लिए निजात दिलाने के लिए शहर का इंटीग्रेटेड स्टाॅर्म वाॅटर ड्रेनेज प्लान बनेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी व राजकीय निर्माण निगम की टीम के साथ आईआईटी के प्रोफेसरों ने सर्वे का कार्य शुरू किया है. यह प्लान जल्द ही धरातल पर उतरेगा. इसके लिए टीम तैयार कर ली गई है.

लखनऊ की जलभराव की समस्या से मिलेगी निजात.

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि संयुक्त टीम द्वारा हाईकोर्ट के गेट नंबर-एक से लेकर किसान बाजार, हुसड़िया चैराहा, जनेश्वर मिश्र पार्क होते हुए जी-20 रोड पर बने गोमती नदी के बैरल नंबर-एक तक के रूट का निरीक्षण किया गया. इस दौरान कुछ जगहों पर खामियां पाई गई, जिसे आईआईटी की टीम ने अपने रिकाॅर्ड में अंकित किया है. स्थल निरीक्षण में कुछ जगहों पर नाले के संरेखण व उसके आसपास के क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण पाए गए, जिसे आईआईटी की टीम ने ड्रेनेज व्यवस्था में बाधा बताया है. कई जगहों पर भवनों के रैम्प से नाले ब्लाॅक मिले. इसके अलावा कुछ जगहों पर नाले की स्लैब ढही मिली तथा काफी मात्रा में कूड़ा-कचरा डम्प मिला. जिससे जल निकासी बाधित हो रही है. इसी तरह कुछ स्थानों पर मुख्य ड्रेन से जुड़ने वाले नाले 90 डिग्री एंगल पर कनेक्ट हो रहे थे. जिससे पानी के बहाव में रुकावट पाई गई. प्रोफेसरों ने बताया कि बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने से नालों में पानी का बैक फ्लो होना जलभराव का मुख्य कारण है.

लखनऊ की जलभराव की समस्या से मिलेगी निजात.



रूट सर्वे के बाद आईआईटी के प्रोफेसर जुल्फिकार अहमद एवं रिटायर प्रोफेसर एमके मित्तल ने टीम में शामिल अधिकारियों के साथ प्राधिकरण कार्यालय में बैठक करके जलभराव के कारणों पर चर्चा की. इसमें उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने निर्देशित किया कि जलभराव की समस्या का स्थायी निस्तारण तलाशना होगा. इसके लिए उन्होंने आईआईटी की टीम से हाईड्रोलाॅजिकल स्टडी, टोपो तथा ड्रोन सर्वे कराकर शहर का इंटीग्रेटेड स्टाॅर्म वाॅटर ड्रेनेज प्लान तैयार करने के लिए कहा है. आईआईटी की टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए सिंचाई विभाग से गोमती नदी में गिरने वाले नालों तथा अन्य सम्बंधित विभागों से शहर के ड्रेन नेटवर्क का विवरण मांगा है. इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त सम्बंधित विभागों से सामंजस्य स्थापित करके टीम को जल्द से जल्द इसका विवरण उपलब्ध कराएं.

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