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लखनऊ नगर निगम बजट 2022-23 : राजधानी का 21.62 अरब का बजट पास, जानिए कौन-कौन सी नई स्कीम हुई लागू

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Published : Jun 13, 2022, 10:22 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 11:02 PM IST

सोमवार को लखनऊ नगर निगम का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पास हो गया. महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में लखनऊ नगर निगम का बजट पास हुआ.

लखनऊ नगर निगम बजट 2022-23
लखनऊ नगर निगम बजट 2022-23

लखनऊ : लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में नगर निगम लखनऊ के वित्तीय वर्ष 2022-23 मूल बजट 21 अरब 62 करोड़ 50 लाख का सर्वसम्मति से पास किया गया. महापौर संयुक्ता भाटिया ने लखनऊ की जनता को गृहकर और जलकल में ओटीएस योजना लागू कराने के लिए प्रस्ताव पास कराया. इस प्रस्ताव के पास होने से नगर निगम को वर्षो से बकाया राजस्व 382 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी और नगर निगम की देनदारियों को समाप्त किया जा सकेगा.

इसके अलावा जनता को वर्षो पुराने गृहकर में ब्याज के मकड़जाल से मुक्ति मिल सकेगी. महापौर में बताया कि कोरोना काल मे जनता और व्यापारियों को नुकसान हुआ है. काफी समय के बाद अब व्यापार सुचारू रूप से प्रारंभ हो पाया है. ऐसे में ओटीएस योजना सभी के लिए लाभकारी रहगी और जनता और व्यापारियों को फौरन राहत मिलेगी.

लखनऊ नगर निगम बजट 2022-23 का बजट पास

महापौर ने कहा कि सदन के पश्चात शासन से शीघ्र ही अनुमति प्राप्त की जाएगी. यह आवासीय और व्यवसायिक दोनों के लिए होगी. महापौर के प्रस्ताव पर सभी पार्षदों ने एकमत होकर महापौर का अभिवादन किया और पार्षद रामकृष्ण यादव ने इस योजना का नामकरण महापौर एक मुश्त समाधान योजना( Mayor One Time Settlement Scheme) किए जाने की बात कही. पार्षद रामकृष्ण के इस प्रस्ताव को सभी ने एक मत से स्वीकार किया.

भ्रष्टाचार पर महापौर का कड़ा एक्शन, सेल गठित :
महापौर संयुक्ता भाटिया ने भ्रष्टाचार पर कड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने सभी शिकायतों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायतों के निवारण और उसकी मॉनिटरिंग के लिए 'भ्रष्टाचार निवारण सेल' का गठन करने का निर्णय लिया. महापौर ने बताया कि इसके भ्रष्टाचार निवारण सेल का संयोजक इस नाते किसी सेवानिवृत जज अथवा इंटरनल लोकायुक्त को नियुक्त किया जाएगा. शिकायतों की जांच के पश्चात दोषियों पर एफआईआर सहित अन्य सख्त और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पार्षदों को भी नहीं देना होगा गृहकर और जलकल :सदन में महापौर संयुक्ता भाटिया ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वर्तमान कार्यकाल से पार्षदों के एक आवासीय भवन को गृहकर, सीवरकर और जलकल से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया. महापौर ने बताया चूंकि पार्षद नगर निगम परिवार के सदस्य है, उन्हें कोई तनखाह नहीं मिलती है और न ही कोई भत्ता. वह दिन भर नगर निगम/शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं और साथ ही जनता की समस्याओं का समाधान कराते हैं. ऐसे में उन्हें गृहकर, जलकर और सीवरकर से छूट प्रदान की जाती है.
नगर निगम ने आय के श्रोतो को बढ़ाने के लिए इन लाइसेंस में होगी वृद्धि
बड़े मोबाइल फूड बैंक - 24000 रुपये से 48000 रुपये
छोटे मोबाइल फूड बैंक - 1800 रुपये से 3600 रुपये
ट्रैवेल के लिए छोटी कार पर शुल्क - 2500 रुपये
ट्रैवेल हेतु टैम्पो/ऑटो/ई-रिक्शा कार पर शुल्क - 2000 रुपये
ट्रैवेल हेतु बड़ी कार(एसयूवी/इनोवा/फॉर्च्यूनर/स्कोर्पियो) पर शुल्क - 4000 रुपये
ट्रैवेल हेतु बड़ी बस पर शुल्क - 6000 रुपये
ट्रैवेल हेतु मिनी बस पर शुल्क - 5000 रुपये
छोटा माल ढुलाई वाहन - 4000 रुपये
बड़ी ट्रेवल एजेंसी पर वार्षिक शुल्क - 12000 रुपये
छोटी ट्रेवल एजेंसी पर वार्षिक शुल्क - 8000 रुपये
लक्जरी कार एजेंसी का शुल्क - 24000 रुपये
सड़क पर खड़े कमर्शियल वाहनों पर 4000 रुपये वार्षिक शुल्क

यह अहम फैसले लिए गए
महापौर अनुसुइया रसोई में 1 करोड़ रुपये का प्रावधान, 10 रुपये में जरूरतमंदों को अनवरत रूप से भरपेट भोजन मिलेगा.
महिला बाजार के लिए 7 करोड़ रुपये मंजूर हुए.
लक्ष्मण प्रेरणा स्थल के लिए 151 फुट ऊंची लक्षमण जी की प्रतिमा लगेगी.
88 गांवो में 44 करोड़ रुपये से विकास और पेयजल की व्यवस्था की जाएगी.

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Last Updated : Jun 13, 2022, 11:02 PM IST

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