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लिफ्ट-एस्कलेटर की सुरक्षा सुनिश्चित करने प्रदेश में लागू होगा कानून: सीएम योगी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 7:01 AM IST

लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath in Lucknow) ने सोमवार को एक बैठक के दौरान कहा कि लिफ्ट, एस्कलेटर की सुरक्षा सुनिश्चित करने प्रदेश में कानून (Law for safety of Elevators-Escalators) लागू होगा.

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Etv Bharat Law for safety of elevators escalators मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लिफ्ट एस्कलेटर की सुरक्षा के लिए कानून

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापक जनहित का ध्यान रखते हुए बहुमंजिला इमारतों में लगने वाली लिफ्ट/एस्कलेटर की सुरक्षा (Law for safety of Elevators-Escalators), संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश दिए हैं. सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. वर्तमान में तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्कलेटर का उपयोग बढ़ रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक फुटफाल वाले स्थानों पर स्थापित होने वाले लिफ्ट और एस्कलेटर के बारे में इनकी बनावट, स्थापना, संचालन और रख-रखाव ठीक ढंग से न किये जाने की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं.

लिफ्ट एस्कलेटर की सुरक्षा के लिए कानून (Law for safety of Elevators-Escalators) की ज़रूरत पर सीएम ने कहा कि लिफ्ट और एस्कलेटर का उपयोग सामान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों, बच्चों, बीमार व्यक्तियों तथा दिव्यांगजनों द्वारा किया जाता है. इनकी सुरक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण है. इस उद्देश्य से लिफ्ट और एस्कलेटर के निर्माण, गुणवत्ता, अन्तर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रख-रखाव के लिए निर्धारित और प्रकियाओं का पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है. वर्तमान में इस बारे में वर्तमान में प्रदेश में कोई अधिनियम नहीं लागू है. जबकि देश के अन्य प्रान्तों में लिफ्ट अधिनियम लागू है. इसे यथाशीघ्र लागू किया जाना आवश्यक है.

नये लिफ्ट और एस्कलेटर की स्थापना करने वाले प्रत्येक स्वामी को चाहे वह निजी परिसर हो या सार्वजनिक परिसर हो, पंजीयन कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए. पूर्व से स्थापित तथा संचालित लिफ्ट और एस्कलेटर के लिए भी यह अनिवार्य किया जाए. लिफ्ट और एस्कलेटर के निर्माण में बीआईएस मानकों का अनुपालन अनिवार्य करें. इनकी स्थापना में सुसंगत बिल्डिंग कोड तथा अन्य आवश्यक कोड का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटो रेस्क्यू डिवाइस का लगाया जाना अनिवार्य होना चाहिए, ताकि बिजली आपूर्ति में या अन्य किसी खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अन्दर फंसे यात्री निकटतम लैंडिंग तक पहुंचे और लिफ्ट का दरवाजा स्वतः खुल जाए.

आपातकालीन घंटी, सीसीटीवी कैमरा पर्याप्त रोशनी और लिफ्ट के बाहर संवाद करने हेतु संचार प्रणाली भी स्थापित करना अनिवार्य हो. व्यापक जनहित में यह आवश्यक है कि सार्वजनिक परिसर में स्थापित लिफ्ट और एस्कलेटर के संचालन के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना के समय यात्रियों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा की व्यवस्था हो. सीएम ने कहा कि लिफ्ट और एस्कलेटर की स्थापना तथा संचालन में किसी शिकायत या प्रतिकूल सूचना प्राप्त होने पर निर्माता या अन्य सम्बन्धित एजेन्सी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई का भी प्रावधान किया जाए.

यह सुनिश्चित कराएं कि लिफ्ट और एस्कलेटर के संचालन के दौरान किसी दुर्घटना के परिणाम स्वरूप मानव या पशुहानि या चोट लगने की स्थिति में स्थानीय पुलिस थाना को बिना किसी विलम्ब के सूचना दी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न पंजीयन हेतु आवेदन किस कार्यालय में जमा किए जाएंगे, विभिन्न पंजीयनों का आवेदन का प्रारूप, विभिन्न लॉगबुक का प्रारूप क्या होगा, विनिर्माताओं, निर्माण एजेन्सियों तथा अनुरक्षण एजेन्सियों आदि की क्या अर्हता होगी तथा उनसे क्या अपेक्षाएं होंगी, विलम्ब शुल्क कितना होगा और किस प्रकार लगाया जायेगा आदि विषयों के बारे में इस अधिनियम से तहत बनने वाली नियमावली में स्पष्ट व्यवस्था की जाए. आमजन को इनके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों की ओर तेजी से बढ़ा उत्तर प्रदेश, शीघ्र जारी होगी ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी:ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत प्रदेश में स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करने के निर्देश दिए हैं. ड्राफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पूर्व इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लिए जाएं, ताकि निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा मिल सके.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक है. हमें इसे प्रोत्साहित करना होगा. ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी पर काम करने वाली फ़र्मों को ज़्यादा से ज़्यादा इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए. इकाई लगाने वाली कंपनियों को भूमि की उपलब्धता, स्टाम्प ड्यूटी में छूट, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, कैपिटल और इंटरेस्ट सब्सिडी, आकर्षक इंसेटिव आदि का लाभ दिलाया जाए. मुख्यमंत्री ने पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पूर्व विभिन्न राज्यों की सम्बन्धित नीति का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए.

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