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Madrasa Education Policy : यूपी में मदरसों की मान्यता का फैसला 12 सितंबर को होगा

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 12:14 PM IST

यूपी में मदरसों की मान्यता का फैसला 12 सितंबर को होगा. बोर्ड की बैठक में मदरसों को श्रेणियों में बांटकर मंजूरी देने पर चर्चा की जाएगी. इस बार मदरसा बोर्ड चार तरह की मान्यता की मंजूरी देने की योजना बना रहा है.

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लखनऊ :यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की मंजूरी 2016 से बंद है. जिसके चलते बड़ी संख्या में मदरसे मान्यता की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. मदरसा बोर्ड ने मदरसों को मंजूरी देने की तैयारी की बैठक 12 सितंबर को होगी. पहले यह बैठक 11 सितंबर को होनी थी. चर्चा है कि बोर्ड के सदस्यों और अध्यक्ष की तालमेल की कमी से ये तिथि बढ़ाई जा रही है. बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी और मंजूरी की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस प्रस्ताव में मदरसों को चार श्रेणियों में बांटकर एक अनुमोदन योजना तैयार की जाएगी और उसी के अनुरूप मदरसों को मंजूरी दी जाएगी.

यूपी में मदरसों की मान्यता का फैसला 12 सितंबर को होगा.



मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि बोर्ड चार तरह की मंजूरी शुरू करने की योजना बना रहा है. हम इन स्कूलों को गैर मान्यता प्राप्त भी नहीं कह सकते. ऐसे मदरसों को मौका दिया जाएगा. अन्यथा उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. अन्य मदरसा जिन्हें पांच वर्ष के लिए औपबंधिक मान्यता दी गई है, यदि वे मापदंडों पर खरे उतरते हैं तो उन्हें स्थायी स्वीकृति प्रदान की जाए अथवा उनकी स्वीकृति का नवीनीकरण किया जाए. तीसरे मदरसों को अपग्रेड किया जाएगा, जिन मदरसों को तहतानिया (कक्षा 5)की मंजूरी है, वे फुकानिया (कक्षा 8) चाहते हैं. चौथे मदरसे जो मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, यदि उन्हें मान्यता चाहिए तो उन्हें मान्यता दी जाए.

डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि कुछ दिन पहले हुए सर्वे में करीब आठ हजार 500 मदरसे पाए गए हैं, उनमें से जो मदरसे बोर्ड में शामिल होना चाहते हैं उनके आवेदन पर विचार किया जाए. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि शासन स्तर पर मंजूरी देने की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है. बोर्ड बैठक में निर्णय के बाद शासन से अनुमोदन या जो भी नियमावली होगी उसका पालन किया जाएगा. इस सवाल पर कि मदरसों की मंजूरी की प्रक्रिया इतने लंबे समय तक क्यों रुकी रही. उन्होंने कहा कि 2016 से पहले मदरसों को जिलों से भी मंजूरी मिल जाती थी. 2016 में नियमों में बदलाव के बाद यह प्रक्रिया समाप्त हो गई. जिस पर आगे कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी, जल्द ही दोबारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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