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जब गुरुजी ने कभी लेटर नहीं लिखा तब सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं, मुझे फंसाने की साजिशः आनंद गिरि

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Published : Sep 20, 2021, 9:49 PM IST

आनंद गिरि.
आनंद गिरि.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि ने अपनी सफाई दी है. आनंद गिरि ने कहा कि, गुरु और शिष्य के बीच कोई भी विवाद नहीं था. यह बहुत बड़ा षडयंत्र है. उन्होंने नरेंद्र गिरि के सुसाइड लेटर पर सवाल उठाए हैं.

लखनऊः प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया. उनका शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ. उनके कमरे से सुसाइड नोट मिला, जिसमें आनंद गिरि सहित कई शिष्यों के नाम लिखे हुए हैं. आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा कि, यह बहुत बड़ा षडयंत्र है. गुरु और शिष्य के बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा.

आनंद गिरि ने कहा कि, ये उन लोगों की साजिश है, जो लोग मठ और मंदिर का पैसा अपने घरों तक पहुंचा रहे थे. जिनका दो हजार की भी आमदनी नहीं थी. 5 करोड़ 10 करोड़ का मकान हो गए. उन्होंने कहा कि, जिन लोगों ने नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करके जो पैसा कमाया, उन लोगों की साजिश है और उस साजिश के तहत उनकी हत्या हुई है. उनकी हत्या में जानबूझकर मेरा नाम शामिल किया जा रहा है. यह एक षडयंत्र है. इसमें पुलिस के बड़े अधिकारी और मठ में उपस्थित कुछ शिष्य भी शामिल हो सकते हैं.

आनंद गिरि का बयान.

सुसाइड नोट में नाम आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मुझे अभी कुछ भी नहीं पता है. गुरुजी ने जीवन कभी भी लेटर नहीं लिखा है. उन्होंने मांग की कि जो लेटर मिला है उसकी राइटिंग की जांच की जाए. आनंद गिरि ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि गुरुजी सुसाइड नहीं कर सकते. उनकी हत्या हुई है.

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आनंद गिरि ने हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि, इस हत्या के पीछे अजय सिंह सिपाही, मनीष शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, शिवेक मिश्रा हो सकते हैं. यह लोग गुरु जी से लगातार पैसा मांग रहे थे. आनंद गिरि ने कहा कि, मठ को बनाने ने के लिए मैंने अपना सारा जीवन लगा दिया. आज उसका सिला मिला है. मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि, इसकी निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.

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