लखनऊः प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ में सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया. उनका शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ. उनके कमरे से सुसाइड नोट मिला, जिसमें आनंद गिरि सहित कई शिष्यों के नाम लिखे हुए हैं. आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा कि, यह बहुत बड़ा षडयंत्र है. गुरु और शिष्य के बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा.
आनंद गिरि ने कहा कि, ये उन लोगों की साजिश है, जो लोग मठ और मंदिर का पैसा अपने घरों तक पहुंचा रहे थे. जिनका दो हजार की भी आमदनी नहीं थी. 5 करोड़ 10 करोड़ का मकान हो गए. उन्होंने कहा कि, जिन लोगों ने नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करके जो पैसा कमाया, उन लोगों की साजिश है और उस साजिश के तहत उनकी हत्या हुई है. उनकी हत्या में जानबूझकर मेरा नाम शामिल किया जा रहा है. यह एक षडयंत्र है. इसमें पुलिस के बड़े अधिकारी और मठ में उपस्थित कुछ शिष्य भी शामिल हो सकते हैं.