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Uttar Pradesh Power Corporation : अधिकारियों की लापरवाही से फुंक गए 174 ट्रांसफॉर्मर, चेयरमैन ने किया जवाब-तलब

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Published : Feb 7, 2023, 11:24 AM IST

बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का मामला (Uttar Pradesh Power Corporation) सामने आया है. जिसके चलते विभाग को काफी नुकसान हुआ है. पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने निदेशक से जवाब-तलब किया है.

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लखनऊ : दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों की लापरवाही से विभाग को लाखों का नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने लापरवाही से खराब हुए ट्रांसफार्मर को लेकर दक्षिणांचल के निदेशक (तकनीकी) से जवाब-तलब किया है, साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि जितना घाटा ट्रांसफार्मरों के खराब होने से विभाग को हुआ है क्यों न उसकी भरपाई आपसे कराई जाए. पावर काॅरपोरेशन अध्यक्ष की तरफ से निदेशक तकनीकी को जल्द अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

बिजली विभाग के अधिकारी समय पर ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस में लापरवाही बरत रहे हैं. यही वजह है कि लाइफ पूरी किए बगैर ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं और इससे विभाग को कई लाख का चूना लगा है. उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने समीक्षा की तो पाया दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में ज्यादा ही ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं.

चेयरमैन एम. देवराज ने बताया कि 'दक्षिणांचल के अंतर्गत 174 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं, जिन्हें खराब होने से बचाया जा सकता था. उनका कहना है कि ओवरलोड 73 ट्रांसफार्मर, लो ऑयल लेवल 23 ट्रांसफार्मर, नो अर्थिंग तीन ट्रांसफार्मर और अनबैलेंसिंग 22 ट्रांसफार्मर खराब हो गए. इसमें सीधे तौर पर लापरवाही सामने आई है. इस लापरवाही से काॅरपोरेशन को 31 लाख 27 हजार रुपए की हानि हुई है. बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद दक्षिणांचल के जिम्मेदारों ने ट्रांसफार्मर का नुकसान से होने से बचाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. इससे निगम को तो नुकसान हुआ ही उपभोक्ताओं को भी दिक्कत उठानी पड़ी.' चेयरमैन ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) बृजमोहन शर्मा से इस बारे में जवाब-तलब किया है, साथ ही यह भी कहा है कि आप बताएं कि क्यों न 31 लाख 27 हजार रुपए आपसे वसूला जाए. निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो समझा जाएगा कि आपको कुछ कहना ही नहीं है और आप से वसूली की जाएगी.

उन्होंने सभी डिस्कॉम के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में ट्रांसफार्मरों के डैमेज रेट पर तत्काल नियंत्रण नहीं लगाया जाएगा तो कठोर कार्रवाई होगी. बता दें कि अनुरक्षण के नाम पर बिजली विभाग के जिम्मेदार खानापूर्ति करते हैं. यही वजह है कि समय पर ट्रांसफार्मर में तेल डाला ही नहीं जाता है और वे फुंक जाते हैं. ओवरलोड ट्रांसफार्मरों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है और वह समय से पहले ही खराब हो जाते हैं. इससे विभाग को नुकसान होता है तो उपभोक्ताओं को बिजली संकट झेलना पड़ता है.

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