कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी 2 की अदालत ने दहेज हत्या के आरोपी पति को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि दोषी द्वारा अर्थदंड जमा होने पर आधी राशि पीड़ित पिता को दी जाएगी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार चरवा थाना क्षेत्र के सैय्यद सरावा गांव के रहने वाले सुरेश कुमार ने पिपरी थाना पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि उनकी बेटी सरिता देवी ने वर्ष 2014 में पिपरी थाना क्षेत्र के असरवाल कला के रहने वाले राकेश कुमार के साथ कोर्ट मैरिज की थी. बेटी के द्वारा की गई इस शादी से घर वालो को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन कुछ महीने बाद पति राकेश और ससुराल के अन्य लोग दहेज की मांग करने लगे. बेटी ने जब यह बात अपने पिता को बताई तो उन्होंने हैसियत के मुताबिक दहेज दिया.
इसके बावजूद पति राकेश कुमार दहेज के लिए बेटी सरिता देवी को मारता पीटता था. 19 मई 2015 को आरोपियों ने दहेज के लिए बेटी को जिंदा जला दिया. इसमें वह बुरी तरह से झुलस गई. आरोपी उसे लेकर अस्पताल लेकर गए. जहां 3 जून 2015 को उसकी मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों को सूचना भी नहीं दी गई और ससुराल वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. पिपरी पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी.
मामला अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी सेकंड आभा पाल की अदालत में पेश हुआ. अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार ने कुल 7 गवाहों के बयान दर्ज करवाए. मंगलवार को गवाहों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश एसटीसी सेकंड आभा पाल ने आरोपी पति राकेश कुमार को दोषी करार देते हुए 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोषी पति पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि दोषी द्वारा अर्थदंड जमा किए जाने पर कुल राशि की आधी धनराशि 15 हजार रुपए पीड़ित पिता को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी.
ये भी पढ़ेंः बिजनौर में डॉक्टर पत्नी ने पति को जंजीर से बांधकर कमरे में किया कैद, पड़ोसियों ने बुलाई पुलिस