उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

एसटीएफ की कार्रवाई : नौकरी के नाम पर झांसा देकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना तीन साथियों संग गिरफ्तार

By

Published : May 25, 2022, 10:13 PM IST

यूपी में STF ने मृदा परीक्षण कराने के लिए फर्जी भर्तियां निकालकर नौकरी देने के नाम पर 200 लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया.

etv bharat
धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन गिरफ्तार

कासगंज :यूपी में STF ने मृदा परीक्षण कराने के लिए फर्जी भर्तियां निकालकर नौकरी देने के नाम पर 200 लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन अभियुक्तों को बुधवार को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से मोबाइल फोन, मोहर, चेक बुक, पासबुक, लेटर पैड आदि बरामद हुए हैं.

दरअसल, कासगंज जनपद के थाना अमांपुर में एसटीएफ के प्रभारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह और एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम के उप निरीक्षक पंकज सिंह ने छापेमारी की. इस दौरान पता चला कि उर्वी फाउंडेशन कंपनी बनाकर मृदा परीक्षण कराने के लिए फर्जी वैकेंसी निकालकर नियुक्ति पत्र, लैपटॉप और टेबलेट देकर नौकरी देने का झांसा देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके नाम संदीप त्रिपाठी पुत्र छोटेलाल निवासी ग्राम देवरी थाना उदयपुर जनपद प्रतापगढ़, अभिषेक कुमार पुत्र सोमेंद्र कुमार निवासी यशोदा नगर थाना बिजनौर जनपद कानपुर नगर, पुनीत कुमार पुत्र वीरराज निवासी ग्राम लोधामई थाना मिरहची जनपद एटा है.

इसे भी पढ़ेंःक्राइम पर ईटीवी भारत की खास सीरीज़ यूपी का 'माफिया राज'

पूछताछ में संदीप त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2012 में यूपीटीयू से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक करने के बाद वह 2017 तक विभिन्न आईटी कंपनियों में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम किया था. उसने वर्ष 2018 में और भी फाउंडेशन की लांचिंग की जिसमें लोगों को यह बताया कि इस फाउंडेशन द्वारा मृदा परीक्षण किया जाता है.

इसके बाद उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर ब्लॉक में भर्ती निकाली जिसमें लोगों को नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन की बात की. रजिस्ट्रेशन फीस 25,000 रुपये रखी गई. तीन महीने में ही एजेंटों के माध्यम से लगभग 200 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया. उसने बताया कि उसने टेबलेट और लैपटॉप दे दिया.

इसे भी पढ़ेंःयूपी का माफिया राज: पूर्वांचल का वो खूंखार माफिया जो 9 गोली लगने के बाद मुर्दाघर से बाहर आया जिंदा

एजेंटों द्वारा उन लोगों से एक लाख से लेकर 7 लाख रुपये तक और लिए गए. इन रुपयों को आपस में बांट लिया गया. उन लोगों द्वारा दिए गए रूपयों में से ही एक-दो महीने तक सभी एजेंटों को सैलरी भी दी गई. इससे लोगों का विश्वास बना रहा. उसने बताया कि वह गोमती नगर इलाके वाला ऑफिस को बंद कर सारे रुपये लेकर फरार हो गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details