उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

हरदोई: बदहाली पर आंसू बहा रहे कांशीराम कॉलोनी के लोग, घर छोड़ने को हुए मजबूर

By

Published : Oct 29, 2020, 4:39 PM IST

हरदोई में ईटीवी भारत की टीम ने जब कांशीराम कॉलोनी का जायजा लिया तो पता चला कि यहां लोग बदतर हालत में जिंदगी गुजर बसर कर रहें हैं. कॉलोनी के लोग तमाम तरह की समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं. सबसे बड़ी समस्या यहां नालों से आने वाले गंदे पानी की है.

kanshiram colony
कांशीराम आवास योजना

हरदोई: जिले में मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट कांशीराम कॉलोनी लंबे समय से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां पीने के पानी से लेकर जल निकासी तक की सभी व्यवस्थाएं लचर अवस्था में हैं. जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान देना लाजमी नहीं समझ रहे हैं. ऐसे में यहां रहने वाले लोग हर रोज तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं.कुछ लोगों ने यहां की समस्याओं से परेशान होकर अपना घर तक छोड़ दिया है.

"जीना है तो पानी खरीद कर पीना है"
हरदोई जिले में आज भी कांशीराम कॉलोनी के लोग तमाम समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं. सबसे बड़ी और अहम समस्या यहां नालों से आने वाले गंदे पानी की है. यहां बनी पानी की टंकी में लीकेज होने से और अन्य तकनीकी समस्याओं के आने से पानी की टंकी में सीवर का पानी और अन्य गंदगी आ जाती हैं. यही पानी लोगों के घरों में आ जाता है. कई मर्तबा लोग इस गंदे पानी को पीकर बीमार भी हुए. आलम ये है कि लोग अब पानी बाहर से खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

कॉलोनी के लोगों का कहना है कि अगर जीना है तो पानी खरीद कर पीना है. वहीं कुछ लोग तो पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन तमाम ऐसे लोग भी यहां रहते हैं जो आर्थिक रूप से अक्षम होने के कारण बाहर से पानी नहीं खरीद पाते. इस समस्या के कारण लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया है और काशीराम कॉलोनी से चले गए हैं. लोगों ने कहा कि यहां पाइप लाइन का पानी कभी-कभी इस कदर गंदा आता है कि उसमें सीवर की गंदगी जैसी बदबू तक आती है. ऐसे में यहां लगे इंडिया मार्का नल भी लोगों को ठेंगा दिखा रहे हैं और शोपीस बने खड़े हैं. जगह-जगह व्याप्त गंदगी से यहां बड़े से लेकर बूढ़े तक बीमार पड़ जाते हैं.

ईटीवी भारत ने कांशीराम कॉलोनी का लिया जायजा

खुले में शौच
कांशीराम कॉलोनी के लोगों ने बताया कि समय से सीवर टैंक की सफाई न होने की वजह से टैंक भर गए हैं. टैंक भरने से बिल्डिंग में नीचे के जो घर हैं उनके शौंचालय में सीवर का मल बैक मार जाता है और शौंचालय भर जाते हैं. इससे लोग इन भरे हुए शौंचालयों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. मजबूरन इन लोगों को खुले में शौंच के लिए जाना पड़ता है.

अपराधों पर कैसे लगेगी लगाम जब चौकी ही है बदहाल
कांशीराम कॉलोनी में जुआ और सेक्स रैकेट चलाने के तमाम मामले पूर्व में सामने आये थे।आज भी यहां कई अराजकतत्वों का डेरा पड़ा हुआ है. अपराधों पर नियंत्रण कसने के लिए कॉलोनी के लिए अलग से एक चौकी का निर्माण कराया गया था।जिसमें एक दरोगा व कुछ सिपाही यहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत तैनात किए गए थे।लेकिन समय बीतता गया और काशीराम कॉलोनी के साथ ही ये पुलिस चौकी भी बदहाल हो गयी।अब इस खंडहर में सिर्फ जानवर रहते हैं और स्थानीय लोग इसे अपने मनमुताबिक इस्तेमाल में लाते हैं।

घरों को छोड़ कर जा रहे हैं लोग
अब आलम ये है कि लोग यहां अपने घरों में ताला लगाकर अपने गांव लौट गए हैं. कुछ लोग अपने गांव चले गए हैं तो कुछ कहीं और किराए पर रहने को मजबूर हैं. लोगों ने बताया कि अभी तक सैकड़ों लोग यहां से जा चुके हैं और यह सिलसिला अभी भी बरकरार है. कॉलोनी बनने के बाद से ही इस कॉलोनी की स्थिति दयनीय हो गई थी. लोगों ने कहा कि मायावती सरकार जाने के बाद से ही इसकी बदहाली का दौर शुरू हो गया था. कॉलोनी में बने घरों की स्थिति भी जर्जर हो गई है और छतों से बारिश के मौसम में पानी टपकता है. यहां के लोगों के पास आज रहने के लिए छत भले ही हो, लेकिन मूलभूत सुविधाओं से आज भी यहां के हजारों लोग वंचित हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया कि "यहां कांशीराम कॉलोनी में व्याप्त तमाम समस्याओं को लेकर नगर पालिका ईओ को सूचित किया गया है और जल्द से जल्द इन समस्याओं को दूर कर नियमित रूप से यहां साफ-सफाई बरकरार रखने के निर्देश दिए गए हैं. दूषित जल के संबंध में भी जल निगम के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं."

ABOUT THE AUTHOR

...view details