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एम्स में इलाज कराने आए युवक की ओपीडी में मौत, लाइन में लगा था, अचानक गिर गया, हार्ट अटैक की आशंका

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 5:45 PM IST

गोरखपुर एम्स में इलाज कराने आए एक युवक की मौत (AIIMS youngman heart attack) हो गई. चिकित्सकों ने उसे सीपीआर दिया, लेकिन इसके बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

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गोरखपुर :अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बुधवार को इलाज के लिए आया युवक पर्चा लेकर अपनी बारी के इंतजार में लाइन में लगा था. इस बीच अचानक ओपीडी में गिरकर वह बेहोश हो गया. आनन फानन में उसे इमरजेंसी में ले जाया गया. यहां चिकित्सकों ने काफी देर तक सीपीआर देकर उसे बचाने की कोशिश लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया. हार्ट अटैक से मौत होने की आशंका जताई जा रही है. युवक देवरिया का रहने वाला था. उसे 15 दिनों से बुखार आ रहा था.

युवक की मौत के बाद भाई दहाड़े मारकर रोने लगा.

कई दिनों से युवक को आ रहा था बुखार :मूलरूप से देवरिया जिले के बैरियां गौरीबाजार का रहने वाले अरुण सिंह को पिछले 15 दिनों से बुखार था. वह 26 वर्ष का था. अरुण अपने भाई आजाद सिंह के साथ एम्स में चिकित्सकों को दिखाने के लिए आया था. अरुण के भाई को भी पेट में पथरी की शिकायत थी. वह भी दिखाने आया था. दोनों भाई ऑनलाइन पर्चा बनवाने के बाद ओपीडी पहुंचे. अरुण खुद को दिखाने के लिए मेडिसिन विभाग में चला गया. जबकि आजाद सर्जरी विभाग की ओपीडी में लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अचानक अरूण बेहोश होकर गिर गया. उसका सिर दीवार से टकरा गया. आनन फानन में उसे इमरजेंसी ट्रामा सेंटर ले जाया गया. चिकित्सकों की ओर से उसे सीपीआर देना शुरू किया गया, लेकिन लाख प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका, सूचना पर एम्स पुलिस मौके पर पहुंच गई. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम हो चुका है. बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है. इसे जांच के लिए भेजा जाएगा.

देवरिया का रहने वाला था युवक.

सीपीआर देने के बावजूद नहीं बची जान :हार्ट अटैक से युवक की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही युवक की मृत्यु हो चुकी थी. अचानक दिल की धड़कन रुकने से मृत्यु हुई है. ओपीडी में हुई इस घटना के बाद सीनियर रेजिडेंट डॉ. अतुलेश पांडेय, चंद्रशेखर यादव और जूनियर रेजिडेंट डॉ. विक्की बाबू उसे कमरे में ले गए और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) देने लगे. सीपीआर से युवक को हल्का होश आया तो व्हीलचेयर के माध्यम से उसे इमरजेंसी लाया गया. ट्रामा एंड इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रो. के नेतृत्व में युवक को वेंटिलेटर पर रखकर सीपीआर देना शुरू किया गया. करीब 45 मिनट तक सीपीआर देने के बाद भी शरीर में कोई हरकत नहीं होने पर जांच के बाद उसे मृत्यु घोषित कर दिया गया.

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