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प्रदेश में वंशवाद और जातिवाद फैलाकर पिछली सरकारों ने मचा रखी था अराजकता : योगी

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Published : Jul 23, 2021, 5:33 PM IST

Updated : Jul 23, 2021, 10:30 PM IST

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस स्कूल की मदद से प्रदेश में शिक्षा, राष्ट्रभक्ति और अनुशासन की ज्योति जलती रहेगी. गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में बनने वाला सैनिक स्कूल, प्रदेश का पांचवां सैनिक स्कूल होगा.

CM योगी की पूर्वांचल को बड़ी सौगात
CM योगी की पूर्वांचल को बड़ी सौगात

गोरखपुर:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि वंशवाद, जातिवाद करने वाली पिछली सरकारों ने प्रदेश में अराजकता का माहौल बना दिया था. विकास के पैसों का बंदरबांट किया. इंसेफेलाइटिस की समस्या, खाद कारखाना बंदी की समस्या पिछली सरकारों की देन थी.

पूर्व की सरकारों ने यूपी का विकास अवरुद्ध कर इसे समस्याग्रस्त प्रदेश बना दिया था. कहा कि गोरखपुर में सैनिक स्कूल (Gorakhpur Sainik School) के जरिए पूर्वांचल के युवाओं को बड़ी सौगात देने की कोशिश की जा रही है. मुख्‍यमंत्री ने गोरखपुर के फर्टिलाइजर कैंपस में 50 एकड़ के क्षेत्रफल में 154 करोड़ की लागत से बन रहे सैनिक स्‍कूल का शिलान्‍यास किया.

इस दौरान सीएम योगी ने दावा किया कि साढ़े चार सालों में 4.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है. इसमें 1.20 लाख से अधिक को बेसिक शिक्षा विभाग में ही नियुक्ति मिली है. एक लाख से अधिक युवा पुलिस में भर्ती किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकारों पर भी हमला बोला.

वहीं, उन्‍होंने कोरोना से अपनों को खोने वालों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके रहते यूपी में कोई खुद को असहाय न समझे. कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों के भरण पोषण, पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू कर दी गई है.

योगी आदित्यनाथ

187.51 करोड़ में बनकर तैयार होगा सैनिक स्कूल

इन परियोजनाओं की कुल लागत 187.51 करोड़ रुपये है. भूमि पूजन कर विद्यालय की आधारशिला रखने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैनिक स्कूल एक बड़ी उपलब्धि है. यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को देश के कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने, उच्च पदों पर सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा.

यहां के सैनिक स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. गोरखपुर में बनने जा रहा सैनिक स्कूल पूर्वी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को सैन्य प्रशिक्षण के साथ योग्यतम शिक्षा देने का प्रयास है. गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर में सरकार स्किल डेवलपमेंट का बड़ा केंद्र भी खोलेगी.

यहां प्रशिक्षण प्राप्त के लिए देश और दुनियां में कहीं भी बेहतर शर्तों पर रोजगार मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक स्कूलों का अपना इतिहास है. प्रदेश में पहला सैनिक स्कूल 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ संपूर्णानंद ने स्थापित किया था. कारगिल विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन मनोज पांडेय ने भी इसी सैनिक स्कूल से शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त किया था.

गोरखपुर का स्कूल प्रदेश का पांचवां सैनिक स्कूल होगा

गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में बनने वाला सैनिक स्कूल प्रदेश का पांचवां सैनिक स्कूल होगा. 'युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा' के ध्येय से शुरू हो रहे इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी. छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस होगा. गोरखपुर के सैनिक स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला होगा.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी इस सैनिक स्‍कूल में अपना भविष्‍य संवारेगी. गुणवत्‍तापरक शिक्षा के साथ जब इस क्षेत्र के युवा सेना में अधिकारी बनेंगे तो वो गर्व की अनुभूति करेंगे. उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार 2021-22 में देश में 100 नए सैनिक स्‍कूल खोलेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलना प्रस्तावित कर रखा है. इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार हर कमिश्नरी में सैनिक स्कूल खोलने की योजना पर तेजी से कार्य कर रही है.

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर खाद कारखाना परिसर में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के साथ सैनिक स्कूल का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्‍होंने कार्यक्रम में सैनिक स्कूल के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के छात्रावासों समेत 16 परियोजनाओं का शिलान्यास किया. कहा कि 2017 में भाजपा की सरकार यूपी में आई तो सरकार ने लखनऊ सैनिक स्कूल का नामकरण शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के नाम कर दिया.

खाद कारखाना बंद हुआ तो किसी ने नहीं ली सुध

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि 1990 में खाद कारखाना बंद हो जाने के बाद 26 साल तक केंद्र व पिछली राज्य सरकारों ने यहां के खाद कारखाने की सुधि नहीं ली. 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नए सिरे से शिलान्यास किया. 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार आई तो खाद कारखाना परिसर विकास की गतिविधियों का केंद्र बन गया. खाद कारखाना बनकर तैयार हो रहा है, इसे अक्टूबर तक जनता को समर्पित कर दिया जाएगा.

इससे नौजवानों को नौकरी व किसानों को सस्ती खाद मिलेगी. इसी परिसर में सैनिक स्कूल बन रहा है. इसी परिसर में देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगी एसएसबी का मुख्यालय है. यहीं केंद्रीय विद्यालय है, पीएसी की महिला बटालियन स्थापित हो रही है. उपेक्षित रहा यह परिसर अब चहल पहल का केंद्र है.

कोविड काल में भी नहीं रूका विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं होता है. यही कारण है कि हमने कोविड काल में भी विकास की गतिविधियों की निरंतरता बनी रही. कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए विकास कार्य चलते रहे.

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबंधन में उत्तर प्रदेश के कार्य बेहतरीन रहे. एक संवेदनशील सरकार के रूप में हम अपने हर नागरिक के साथ तत्परता से खड़े हैं. सीएम योगी ने कहा कि कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश में एकमात्र मेडिकल कॉलेज बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था.

सरकार ने देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर में भी मेडिकल कॉलेज की सौगात दी है. जो जिले रह गए हैं, वहां हम पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने जा रहे हैं. प्रदेश सरकार के पांच साल पूरा होते होते प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे. गोरखपुर एम्स और फर्टिलाइजर का शुभारंभ अक्टूबर में पीएम मोदी के हाथों कराया जाएगा.

सीएम योगी ने सूबे में बन रहे एक्सप्रेस वे के जरिए ढांचागत सुविधाओं के विकास का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे आदि के किनारे औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे. इससे स्थानीय स्तर पर नौजवानों को नौकरी, रोजगार मिलेगा.

50 एकड़ में 154 करोड़ से बनेगा स्कूल

गोरखपुर का सैनिक स्कूल 50 एकड़ में बनेगा और इसके निर्माण पर 154 करोड़ रुपये की लागत आएगी. 'युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा' के ध्येय से शुरू हो रहे इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी.

छात्र-छात्राओं के लिए अलग अलग कैम्पस होगा. गोरखपुर के सैनिक स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपरा का दर्शन कराने वाला होगा. यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे. साथ ही कैम्पस के अलग अलग स्थानों का नामकरण सेना के जाबांजों के नाम पर किया जाएगा.

कैंपस में बागवानी, जैविक खेती व गोशाला की भी व्यवस्था होगी. सैनिक स्कूल के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. यहां सभी भवनों में सोलर सिस्टम और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी. क्लास रूम, हॉस्टल, हाइटेक कम्प्यूटर लैब के अलावा बहुउद्देश्यीय सभागार, प्रेक्षागृह भी बनाया जाएगा.

सुरक्षा और अनुशासन पर नजर रखने के लिए समूचा कैम्पस सीसीटीवी कैमरों से कवर रहेगा. मार्च पास्ट, झंडारोहण के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे. सैनिक स्कूल के कैम्पस में खेल प्रतिभाएं भी तराशी जाएंगी. यहां के विद्यार्थियों को फुटबाल, वॉलीबाल, बास्केटबाल, घुड़सवारी, शूटिंग, जिम्नास्टिक, तैराकी, टेनिस, दौड़ आदि खेलों के लिए प्रशिक्षण मिलेगा और इसके निमित्त ट्रैक व कोर्ट भी होंगे.

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शहीदों , महापुरुषों के नाम से होगी स्कूल की इमारतें

मुख्यमंत्री की मंशा है कि सैनिक स्कूल परिसर का माहौल ऐसा हो जो विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति का जज्बा भरता रहे. सीएम के निर्देशों के अनुरूप यहां बनने वाली हर इमारत का नाम शहीदों, महापुरुषों के नाम से होगा. स्कूल कैंपस में जैविक खेती, बागवानी व गोशाला की भी व्यवस्था होगी.

सैनिक स्कूल के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. यहां सभी भवनों में सोलर सिस्टम और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी. क्लास रूम, हॉस्टल के अलावा बहुउद्देश्यीय सभागार, प्रेक्षागृह भी बनाया जाएगा. सुरक्षा और अनुशासन पर नजर रखने के लिए समूचा कैम्पस सीसीटीवी कैमरों से कवर रहेगा. मार्च पास्ट, झंडारोहण के लिए ट्रैक बनाए जाएंगे.

Last Updated :Jul 23, 2021, 10:30 PM IST

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