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हत्या के मामले में दो आरोपियों को उम्रकैद, पढ़िए पूरा मामला

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Published : Jan 19, 2022, 6:54 AM IST

हत्या कर शव को फांसी से लटकाने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. आरोपियों ने साल 2017 में एक युवक के घर में घुसकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को फंदे से लटका दिया था.

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हत्या के मामले में दो आरोपियों को उम्रकैद

गोंडा: हत्या कर शव को फंदे से लटकाने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. मामले में पुलिस अधीक्षक गोंडा संतोष कुमार मिश्रा के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल के जरिए प्राथमिकता से पैरवी की गई थी. जिसके बाद जिला न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई है.


बता दें कि मामला जिले में कर्नलगंज थानाक्षेत्र के काशीपुरडीहा गांव का है. यहां आरोपियों ने 16 जून 2017 को घर में घुसकर मंजीत की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को फांसी से लटका दिया था. मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. मामले की जांच गोंडा पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल के जरिए प्राथमिकता से की गई थी. मॉनिटरिंग सेल व कर्नलगंज थाने के पैरोकार आरक्षी संगम वर्मा की तरफ से प्रभावी पैरवी के चलते जिला न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश ने सश्रम आजीवन कारावास (उम्रकैद) व 50-50 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है.

मामले में सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित कुमार पाठक ने बताया कि कर्नलगंज कोतवाली के काशीपुर डीहा निवासी राज बहादुर ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था. पीड़ित ने बताया था कि उसके बेटे मंजीत कुमार और गांव के राजेंद्र व उसके बेटों रामकेश व पृथ्वीराज से कहासुनी हुई थी. जिसमें दोनों ने मंजीत को जान से मारने की धमकी दी थी. इसके दूसरे ही दिन सुबह साढ़े दस बजे मंजीत को अकेला देखकर रामकेश और पृथ्वीराज घर में घुस गए और गला दबाकर हत्या कर दी. मंजीत की हत्या के बाद शव को साड़ी में बांधकर कमरे में लगी अरगनी से टांग दिया. पीड़ित के मुताबिक उसकी पत्नी और बहू ने दोनों को घर से निकलते हुए देखा था.

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इसके बाद पीड़ित की तहरीर परह पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की और दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. इस पर सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित कुमार पाठक ने नियमित पैरवी की और आरोपियों के खिलाफ कई साक्ष्य न्यायालय में पेश किए. जिसके बाद मंगलवार को मामले में फैसला सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश अनामिका चौहान ने आरोपी रामकेश और पृथ्वीराज को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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