उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

गाजियाबाद: हिंडन में डाला अनट्रिटेड पानी, NGT ने दिए कार्रवाई के निर्देश

By

Published : Jan 6, 2020, 11:24 AM IST

गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम के तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के काम नहीं करने और अनट्रिटेड पानी हिंडन में डालने पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है. साथ ही एनजीटी ने यूपी के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि तीनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बदहाल स्थिति के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करें.

ETV BHARAT
अनट्रिटेड पानी हिंडन में डालने पर NGT ने जताई नाराजगी, कार्रवाई के दिए निर्देश

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम के तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के काम नहीं करने और अनट्रिटेड पानी हिंडन में डालने पर नाराजगी जताई है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बड़ी रकम लगाकर इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को स्थापित करने का मकसद ही फेल हो रहा है. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि तीनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बदहाल स्थिति के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करें.

नियमित सफाई का आदेश

एनजीटी ने गाजियाबाद के जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से हिंडन नदी तक जाने वाले नालों पर से अतिक्रमण हटाएं और नालों की नियमित रूप से सफाई सुनिश्चित करें. एनजीटी ने यूपी के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वो एक महीने के अंदर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को कार्यशील बनाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करें और उस एक्शन प्लान की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी करें.

1 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें
एनजीटी ने यूपी के मुख्य सचिव को 31 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए. एनजीटी ने यूपी के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वो तीनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का संचालन करने वाली कंपनियों पर परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में जुर्माना लगाएं. एनजीटी ने यूपी जल निगम के सीईओ, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सीईओ और गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त को सुनवाई की अगली तिथि को एनजीटी में पेश होने का निर्देश दिया.

तीनों प्लांट की जिम्मेदारी अलग-अलग है
इंदिरापुरम के तीनों सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन अलग-अलग प्राधिकरणों के जिम्मे है. 74 एमएलडी की क्षमता वाला पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट वैशाली के सेक्टर 1 के अनट्रिटेड पानी का ट्रीटमेंट कर हिंडन नदी में छोड़ता है. ये यूपी जल निगम के जिम्मे है. इस प्लांट का निर्माण और संचालन तोशीबा वाटर सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड नामक कंपनी करती है. एनजीटी की कमेटी ने जब इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया तो पाया कि ये प्लांट तीन नालों के पानी का ट्रीटमेंट करने में नाकाम साबित हुआ है.

पानी के बहाव मापने का मीटर नहीं लगा है
यही स्थिति 56 एमएलडी की क्षमता वाले दूसरे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी है. यहां तो इनलेट और आउटलेट में पानी का बहाव मापने वाला मीटर भी नहीं लगाया गया है. इस प्लांट का जिम्मा जीडीए के पास है. इस प्लांट का निर्माण और संचालन मेसर्स अल्ट्रा टेक इंजीनियर प्राईवेट लिमिटेड करती है.

नगर निगम का कोई रिएक्टर काम नहीं कर रहा है
तीसरा सीवेज प्लांट गाजियाबाद नगर निगम के जिम्मे है, जिसकी क्षमता 56 एमएलडी है. ये प्लांट गाजियाबाद नगर निगम का कॉलोनियों से निकलने वाले कचरे का ट्रीटमेंट करती है और उसे हिंडन नदी में छोड़ती है. एनजीटी की टीम के निरीक्षण के दौरान इसका कोई भी रिएक्टर काम नहीं कर रहा था. इस प्लांट का निर्माण और संचालन दोनों ही गाजियाबाद नगर निगम के जिम्मे है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details