उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

पूर्व एमलसी लखनऊ से गिरफ्तार, पुलिस के रडार पर करीबी

By

Published : Jun 12, 2021, 11:04 PM IST

देवरिया के पूर्व एमएलसी रामू और उनके तीन साथियों को पुलिस ने जेल भेज दिया. सात साल पुराने मामले में बसपा के पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी को लखनऊ के बहुखंडी के पास से गिरफ्तार किया गया है.

पूर्व एमलसी लखनऊ से गिरफ्तार
पूर्व एमलसी लखनऊ से गिरफ्तार

देवरियाः जिले के पूर्व एमएलसी रामू और उनके तीन साथियों को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया. पुलिस के रडार पर पूर्व एमएलसी के करीबी है, जिनकी तलाश सरगर्मी से चल रही है. इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया जा रहा है. पुलिस ने रामू को ठिकाना बदल बदल कर रखा. सात साल पुराने मामले में बसपा के पूर्व एमएलसी संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी को शुक्रवार को लखनऊ के बहुखंडी के पास से गिरफ्तार किया गया है.

समर्थकों को पुलिस ने खदेड़ा
तीन दिनों से पूर्व एमएलसी रामू का रिकार्ड पुलिस खंगाल रही थी. लखनऊ से सुबह करीब 8 बजे पुलिस देवरिया रामू को लेकर पहुंची. सदर कोतवाली के बजाय रामपुर कारखाना थाने में इन्हें रखा गया. समर्थक रामू से मिलने के लिए कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने खदेड़ दिया. दिन में 11 बजे पुलिस रामू को शहर में लेकर आई और पशु अस्पताल में दो घंटे तक रखी थी. जबकि इनके साथी कोतवाली में बैठाए गए थे. एमएलसी रामू समेत इसके तीन साथियों को मेडिकल कराने के लिए लेकर पुलिस जिला अस्पताल पहुंची. पुलिस के वाहन के पीछे रामू के सर्मथकोे का वाहन था. रामू से मीडिया कर्मियों ने पूछा कि कुछ बोलना है तो पुलिस ने मना कर दिया, जबकि रूधे गले से रामू बोला कि वक्त आने पर बोलूंगा. रामू को पुलिस अलग वाहन में ले गई, जबकि इसके साथियों को दूसरे वाहन से ले जाया गया.


साजिश के तहत फंसा रही पुलिस
रामू के भाई श्यामू द्विवेदी ने ब्राहम्ण होना गुनाह है. पुलिस साजिश के तहत फंसा रही है. रामू भईया कोरोना से पीड़ित थे, 15 दिन पूर्व वह दिल्ली मैक्स अस्पताल से घर आए थे और लखनऊ आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे. शुक्रवर को करीब डेढ़ बजे रात को उनकी गिरफ्तारी की खबर मिली. पुलिस कोई भी कारण नहीं बता रही है. वहीं, सपी डाॅ. श्रीपति मिश्र ने बताया कि देवरिया पुलिस ने दो मामलों में फरार चल रहे पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी, उसके सहयोगी कुणाल मल्ल, बजरंगी तिवारी और मनीष मिश्र को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई की जा रही है. जबकि एक सहयोगी पुलिस की पहुंच से अभी भी दूर है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.


यह है मामला
16 फरवरी 2014 की देर रात चार लग्जरी वाहनों में सवार बदमाश आचार्य रामचंद्र शुक्लनगर भुजौली काॅलोनी में स्थित पूर्व एमएलसी संजीव उर्फ रामू द्विवेदी के आवास पर पहुंचे. बदमाशों ने उनके आवास में घुसने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मी ने रोका तो हथियारबंद बदमाश गाली-गलौज करते हुए फायरिंग करने लगे. जवाब में पूर्व एमएलसी की तरफ से की गई फायरिंग में सरफराज के पैर में गोली लग गई थी. रामू द्विवेदी की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने इस मामले में शहर के व्यवसायी संजय केडिया, श्रीप्रकाश तिवारी के साथ 12 से अधिक अज्ञात बदमाशों के खिलाफ बलवा, हत्या के प्रयास, धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज किया था. उधर, संजय केडिया की तरफ से भी पूर्व एमएसली रामू द्विवेदी, संजय चैरसिया समेत कई पर केस दर्ज कराया गया. बाद में मामले की जांच एएसपी कुशीनगर ने किया. उन्होंने गंभीर धाराओं को हटाकर एनसीआर में जार्चशीट दाखिल कर दिया था.

यह भी पढ़ें-थूक कर भक्तों को प्रसाद बांट रहा बाबा, वायरल हुआ वीडियो



आखिर इतने दिन बाद क्यों आई याद
सात साल पहले पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी और शराब कारोबारी संजय केडिया के बीच शुरू हुआ विवाद जांच के दौरान फाइलों में दब गया था. अब आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुलिस इस मामले में तेजी पकड़ ली. शराब कारोबारी संजय केडिया और समाजसेवी निकुंज अग्रवाल से तहरीर लेकर पुलिस पूर्व एमएससी और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर ली है. चर्चा है कि सत्ताधारी दल के एक नेता के इशारे पर ऐसा हो रहा है. शहर के भुजौली काॅलोनी में हुई जिस घटना में गोली चली और एक युवक घायल भी हुआ था, उसे कुशीनगर के पूर्व में रहे एएसपी ने अपनी जांच में झूठा करार दिया था. बताया जा रहा है कि दो बड़े लोगों का मामला होने के कारण ऐसा हुआ था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details