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बरेली की नवाबगंज विधानसभा सीट पर दशकों से है कुर्मी बिरादरी का कब्जा, जानिए क्या कहते हैं राजनीति के जानकार

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Published : Sep 24, 2021, 8:24 AM IST

Updated : Sep 24, 2021, 9:20 AM IST

जानिए नवाबगंज विधानसभा का हाल

बरेली जिले की नौ विधानसभा में से एक विधानसभा नवाबगंज है, नवाबगंज विधानसभा संख्या 121 पीलीभीत जिले की सीमा से लगी हुई है. उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे केसर सिंह गंगवार ने जीत हासिल कर विधायक बने थे, पर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के चलते बीजेपी विधायक केसर सिंह गंगवार की मौत हो चुकी है, फिलहाल यह विधानसभा सीट अभी खाली है, तो आइए आज डालते हैं नवाबगंज विधानसभा सीट पर एक नजर.

बरेली: बरेली जिले की नौ विधानसभा में से एक विधानसभा नवाबगंज है, नवाबगंज विधानसभा संख्या 121 पीलीभीत जिले की सीमा से लगी हुई है. इस विधानसभा की खास बात यह है कि इस सीट पर 90 के दशक से कुर्मी जाति का ही विधायक बना है. इस विधानसभा सीट पर सबसे अधिक सवर्ण जाति का वोट हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के केसर सिंह गंगवार ने 93711 वोट पाकर जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार रहे थे जिनको 54569 वोट मिले थे.

बरेली की नौ विधानसभा सीटों में नवाबगंज विधानसभा सीट साल 1952 में सामने आई थी. पहली बार विधानसभा का चुनाव स्वतंत्रता सेनानी नौरंग लाल ने यहां से जीत कर विधायक बने थे. 90 के दशक से नवाबगंज विधानसभा सीट पर कुर्मी जाति का विधायक की बनता चला रहा है. 1991 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से भगवत शरण गंगवार ने जीत हासिल की थी और उसके बाद 1993 में भी दूसरी बार भगवत शरण गंगवार विधायक बने.

जानिए नवाबगंज विधानसभा का हाल

वहीं, 1996 में हुए विधानसभा के चुनाव में मास्टर छोटे लाल गंगवार ने जीत हासिल की थी. जिसके बाद भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए भगवत शरण गंगवार ने 2002 के विधानसभा चुनाव में नवाबगंज की सीट पर जीत हासिल की. 2007 और 2012 में भगवत सरन यहां से सपा के झंडे पर जीतते रहे, मगर 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर के चलते भगवत शरण गंगवार को हार का मुंह देखना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी के केसर सिंह गंगवार नवाबगंज के विधायक बने.


मतदाताओं का आकड़ा


बरेली की नवाबगंज विधानसभा सीट पर 2017 के मतदान सूची के अनुसार 315000 मतदाता हैं, जो नवाबगंज विधानसभा सीट के विधायक को तय करते हैं. इस नवाबगंज विधानसभा की सीट पर सबसे अधिक 38 फीसदी सवर्ण वोटर हैं, जिनमें ठाकुर और ब्राह्मणों की संख्या ज्यादा है. वहीं पिछड़ा वर्ग का लगभग 28 परसेंट वोटर हैं. जिसमें सबसे अधिक कुर्मी बिरादरी का वोट हैं, तो वहीं मुस्लिम ही 22% वोटर हैं और आठ परसेंट दलित मोटर के साथ 4% पंजाबी भी मतदाता है जातिगत आंकड़े एक अनुमानित आंकड़े हैं.



एक गांव से निकले हैं कई दिग्गज नेता
नवाबगंज विधानसभा सीट का अहमदाबाद गांव पूरे विधानसभा सीट में एक महत्वपूर्ण गांव है. इस गांव से निकलकर तीन विधायक बन चुके हैं, जबकि जिला पंचायत सदस्य भी इसी गांव की रहने वाली उषा गंगवार हैं. अहमदाबाद गांव के ही रहने वाले भगवत शरण गंगवार पांच बार नवाबगंज विधानसभा सीट से विधायक बन चुके हैं तो वहीं इसी गांव के रहने वाले स्वर्गीय केसर सिंह गंगवार ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से जीत हासिल कर विधायक बने थे. यही नहीं इसी गांव में रहने वाले वीरेंद्र सिंह भी समाजवादी पार्टी से भोजीपुरा के विधायक बन चुके हैं.



2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के केसर सिंह गंगवार ने 93711 वोट पाकर जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार रहे थे जिनको 54569 वोट मिले थे, पांच बार के विधायक और समाजवादी पार्टी में मंत्री रहे भगवत सरन गंगवार को हराकर भारतीय जनता पार्टी के स्वर्गीय केसर सिंह गंगवार ने 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.



कोरोना संक्रमण से विधायक की मौत



नवाबगंज विधानसभा सीट से विधायक रहे स्वर्गीय केसर सिंह गंगवार की कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद से नवाबगंज विधानसभा सीट खाली है.

Last Updated :Sep 24, 2021, 9:20 AM IST

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