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शारदीय नवरात्रि 2021: इस मंदिर का जल पीने से दूर होती है चेचक की बीमारी

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Published : Oct 13, 2021, 10:55 PM IST

यूपी के बरेली में मां ललिता देवी के प्राचीन मंदिर में नवरात्रि के मौके पर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां से मिलने वाले जल को पीने से चेचक जैसी बीमारी दूर हो जाती है.

मां ललिता देवी मंदिर बरेली
मां ललिता देवी मंदिर बरेली

बरेली: नवरात्रि के दिनों में वैसे तो सभी मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ रहती है लेकिन बरेली के नेकपुर में मां ललिता देवी के प्राचीन मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. मां ललिता देवी के मंदिर में बरेली ही नहीं बरेली के आसपास के रहने वाले भक्त भी आकर पूजा अर्चना करते हैं और मां से मन्नत मांगते हैं. इस मंदिर की मान्यता है कि अगर किसी को चेचक जैसी बीमारी हो जाती है तो मां ललिता देवी के मंदिर से मिलने वाला जल पीने मात्र से उसकी चेचक की बीमारी दूर हो जाती है. इसलिए दूर-दूर से लोग मां ललिता देवी के मंदिर में अपनी चेचक की बीमारी को दूर करने के लिए जल लेने आते हैं.

बरेली के सुभाष नगर थाना क्षेत्र के नेकपुर इलाके में मां ललिता देवी का प्राचीन मंदिर है. बताया जाता है यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है. कहा जाता है कि ललिता देवी का मंदिर बनने से पहले नेकपुर इलाके में चेचक जैसी बीमारी से काफी लोग ग्रस्त हो गए थे. तब बदायूं के रहने वाले एक जमींदार को सपने में मां ललिता देवी ने दर्शन देकर कहा था कि नेकपुर में बने कुएं में उनकी मूर्ति है. उसकी खुदाई कर उसकी पूजा अर्चना करेंगे तो चेचक जैसी गंभीर बीमारी ठीक हो जाएगी. बताया जाता है कि इसके बाद जमींदार ने कुएं की खुदाई कराके मां ललिता देवी की मूर्ति को बाहर निकाला और फिर पूजा अर्चना शुरू की. इसके बाद इलाके में फैली बीमारियां दूर होने लगी तभी से मां ललिता देवी के प्रति लोगों की आस्था और सिद्धि बढ़ती चली गई और लोगों की मां ललिता देवी की प्रति आस्था बढ़ गई.

मां ललिता देवी मंदिर बरेली

कई और देवियां मंदिर में विराजमान

मंदिर के सेवादार भानु ने बताया की मां ललिता देवी का प्राचीन मंदिर के मुख्य मंदिर में मां ललिता देवी विराजमान हैं. जहां भक्तगण आकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं. मंदिर में मां ललिता देवी के साथ-साथ मां संतोषी देवी, मां पूर्णांगिरि और मां चौराहे वाली देवी की सुंदर प्रतिमाएं लगी हुई हैं. मान्यता है कि मन्नत पूरी होने के बाद मां ललिता देवी के मंदिर में पिन्नी खिलाई जाती है. 5 सुहागिन महिलाओं और दो कन्याओं को पिन्नी खिलाई जाती है.

चेचक दूर करने की है मान्यता

मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले सेवादार भानु की माने तो मां ललिता देवी के मंदिर की यह भी मानता है कि अगर किसी को चेचक जैसी बीमारी हो जाती है तो मां ललिता देवी के मंदिर से मिलने वाला जल पीने मात्र से उसकी चेचक की बीमारी दूर हो जाती है. दूर-दूर से लोग मां ललिता देवी के मंदिर में अपनी चेचक की बीमारी को दूर करने के लिए जल लेने आते हैं. मंदिर में पूजा अर्चना करने आए निशी आर्य ने बताया कि वह मां ललिता देवी के मंदिर में समय-समय पर आती रहती है, पर नवरात्र के पावन दिनों में मां ललिता देवी के मंदिर में उनके दर्शन कर पूजा-अर्चना करने जरूर आती हैं. दूसरी भक्त अन्नू ने बताया कि वह बचपन से मां ललिता देवी के दर्शन करने मंदिर आती हैं. जो भी उन्होंने अभी तक मां ललिता देवी से मांगा है वह सब कुछ उन्हें मिला है.

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