बाराबंकीःजिले का हैंडलूम प्रोडक्ट अब लोकल से ग्लोबल बन गया है. ओडीओपी (one district one product) के क्षेत्र में उत्तरप्रदेश के बाराबंकी को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. यहां के ओडीओपी उत्पाद- यानी हथकरघा उत्पाद को जीआई टैग (Geographical Indication Tag) का दर्जा मिल गया है.
बता दें कि करीब 2 वर्ष पूर्व यहां के उद्योग विभाग ने नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के सहयोग से जीआई टैग की पहल की. इसके लिए एक लंबी कानूनी और तकनीकी प्रक्रिया के बाद हैंडलूम उत्पाद को जीआई टैग मिल गया. इसके साथ ही यहां का हैंडलूम प्रोडक्ट देश की बौद्धिक संपदा में शुमार हो गया है. अब यह पूरी दुनिया मे जीआई टैग के साथ जाएंगे. इससे न केवल उत्पादकों को खासा लाभ होगा, बल्कि इंटरनेशनल मार्किट में बाराबंकी के हैंडलूम प्रोडक्ट्स किसी पहचान के मोहताज नही होंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2025 तक देश की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका देश से उत्पादों के होने वाले निर्यात का है. देश का उत्पाद का बाहर निर्यात करने में उत्तर प्रदेश का अहम रोल है. हस्तशिल्प और हैंडलूम का सर्वाधिक उत्पादन और निर्यात उत्तर प्रदेश से ही होता है. प्रदेश सरकार और नाबार्ड के सहयोग से उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयां छू रहा है. अब तक यूपी के 52 उत्पाद जीआई टैग में शामिल हो चुके हैं, जबकि 27 उत्पाद जल्द ही जीआई टैग में शामिल होंगे. अनुमान है कि तकरीबन 50 लाख लोग इन 52 जीआई उत्पादों में लगे हुए हैं.