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नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता को मिली फांसी की सजा

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Published : Nov 24, 2021, 3:42 PM IST

नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता को मिली फांसी की सजा
नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता को मिली फांसी की सजा ()

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता को मिली फांसी की सजा. दुष्कर्मी पिता पर कोर्ट ने लगाया ₹51000 का अर्थदंड.

बहराइच : नाबालिग बेटी के साथ रेप के आरोपी पिता को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. आरोपी पर ₹51000 का अर्थदंड भी लगाया गया है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह पैरवी कर रहे थे.

अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि 25 अगस्त 2021 को थाना सुजौली क्षेत्र की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति 2 वर्षों से उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म कर रहा है. विरोध करने पर मारपीट व जान से मारने की धमकी दे रहा था, लेकिन पीड़ित महिला ने साहस दिखाते हुए इस मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी. जिस पर मामला कोर्ट में विचाराधीन था. इसका फैसला मंगलवार शाम को सुनाया गया है.

नाबालिग बेटी से रेप के आरोपी पिता को फांसी की सजा

दरअसल, यह मामला जिले के सुजौली थाना का है. यहां का रहने वाला नान्हू खां (40 वर्ष) अपनी नाबालिग बेटी को धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म करता था. इतना ही नहीं आरोपी ने नाबालिग उम्र में ही बेटी का निकाह भी कर दिया था. बावजूद इसके वो उसे ससुराल भी नहीं भेज रहा था. इसकी जानकारी जब पीड़िता की मां को हुई तो उसने बीती 25 अगस्त को सुजौली थाने में अपने पति के खिलाफ तहरीर देकर, पॉक्सो एक्ट समेत दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था.

3 माह में नाबालिग को मिला इंसाफ

मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद तहरीर के आधार पर सुजौली पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेप एंड पॉक्सो एक्ट प्रथम नितिन पांडे ने मात्र 57 दिन में विचारण पूर्ण कर मंगलवार को देर शाम आरोपी अभियुक्त को फांसी व ₹51000 के जुर्माने के अर्थदंड की सजा सुनाई.

इस मामले में पुलिस ने तत्काल आरोपी को गिरफ्तार करते हुए 11 दिनों में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था. पुलिस की कड़ी पैरवी से 3 माह के भीतर पीड़िता को न्याय मिला. नाबालिग से रेप के साथ फांसी की सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है. इस मामले में पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने के लिए डीएनए परीक्षण हेतु प्रदर्शो की विधि विज्ञान प्रयोगशाला गोरखपुर से दाखिल कर परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त किया था.

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वहीं, कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग से यौन शोषण के अपराधों में कमी आने की संभावना जताई जा रही है.

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