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PM मोदी से प्रेरणा लेकर राजेश पांडेय ने बैंक की नौकरी छोड़ बनाई आईटी कम्पनी, 34 कर्मचारियों को दे रहे रोजगार

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Published : Jul 6, 2022, 9:20 PM IST

वाराणसी के राजेश पांडेय ने सीनियर बैंक मैनेजर पद की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया. उन्होंने बताया कि बनारस में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) जैसा आईआईटी संस्था है.

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राजेश पांडेय

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. पीएम के स्टार्टअप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत योजना से प्रेरित होकर युवाओं का रुझान बिजनेस की तरफ बढ़ रहा है. जिस से प्रेरित होकर वाराणसी के राजेश पांडेय ने बैंक में सीनियर बैंक मैनेजर पद की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया.

उन्होंने एक कम्पनी मास्टर विज टेक्नोलॉजी की स्थापना की. जो पिछले कुछ महीनों में 34 लोगों को रोजगार दे रहे हैं. राजेश ने ETV BHARAT से बात करते हुए बताया कि बनारस में काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसा आईआईटी संस्था है. हम आने वाले समय में बनारस को आईटी हब बना सकते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी के 1 ट्रिलियन डॉलर इकनोमिक की अर्थव्यवस्था बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

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वाराणसी के राजेश ने बताया कि पिछले 12 सालों से बैंक में मैनेजर पद पर नौकरी करने के दौरान कोरोना काल में पूर्वांचल के युवा जोश एवं विदेशों में आईटी क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें घर वापस आना पड़ा. कोरोना का प्रभाव कम होने के कारण कुछ युवा वर्क फ्रॉम होम काम करने लगे तो किसी ने बाहर जाना उचित नहीं समझा, इसी सब को देखते हुए मेरे मन में कंपनी बनाने के लिए विचार आया. इसको लेकर मैंने कई लोगों से जब बात की तो लोगों ने समर्थन करते हुए कंपनी खोलने का बात कही और वाराणसी में जॉब मिलने पर उसी भी जाहिर की जिसके बाद मास्टर विज टेक्नोलॉजी कंपनी की स्थापना सन 2022 में की.

राजेश पांडेय ने बैंक की नौकरी छोड़ बनाई आईटी कम्पनी
8 एप्पलीकेशन का किया निर्माण राजेश पांडेय ने बताया कि मास्टर विज टेक्नोलॉजी कंपनी की स्थापना की गई है. इस कंपनी के चार ऑफिस बनारस के महमूरगंज और भोजुबीर के पत्रकारपुरम, नोएडा एवं जयपुर में है. 10 महिलाएं वर्क फ्रॉम होम भी काम कर रही हैं, जिसमें अभी तक 8 एप्लिकेशन बनाए गए हैं. जिसमें माई मास्टर 11 एप्लीकेशन सबसे ज्यादा चर्चा में है. 28,000 से ज्यादा एक्टिव लोग हैं. कंपनी 2022 में एक्टिव हुई है. इसमें करीब 34 लोग काम कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि हम आने वाले समय में बनारस को आईटी हब बनाना चाहते हैं और 500 लोगों को रोजगार देना चाहते हैं.


उन्होंने बताया कि जब वे आईटी कंपनी की स्थापना के विषय में विचार किया तो लोगों से मिलना शुरू किया. उन्हे पता चला कि हमारी पूर्वांचल के प्रतिभाशाली युवा भारत के मेट्रो शहरों में ही नहीं अमेरिका और सिलिकॉन वैली में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं. उनसे जब बात हुई तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि हमें इस तरह का काशी में मिलता है तो हम जरूर वहां काम करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि पूर्वांचल के युवा ही हर जगह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. हम उन्हें अपने घर के पास से रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे, जिससे हम यूपी की इकोनामी व्यवस्था सुधार करने का काम करेंगे और 1 ट्रिलियन इकोनामी बनाने का काम करेंगे.

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