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कोई भी हो सकता है मानसिक अस्वस्थता का शिकार, ये हैं प्रमुख वजह

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Published : Sep 10, 2021, 7:12 PM IST

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पिछले कई सालों से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहीं डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव ने बताया कि मानसिक अस्वस्थता (mental illness) किसी कोई भी हो सकती है. एकाकी होने, आर्थिक तनाव, घरेलू कलह, मानसिक विकार के कारण लोग आत्महत्या करते हैं.

वाराणसी:विश्व आत्महत्या निवारण दिवस (World Suicide Prevention Day) 10 सितम्बर को मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से मानसिक स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है. डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी मानसिक अस्वस्थता (mental illness) का शिकार हो सकता है. एकाकी होने, आर्थिक तनाव, घरेलू कलह, मानसिक विकार के कारण लोग आत्महत्या करते हैं.

जानकारी देती क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव
वाराणसी के मंढोली क्षेत्र में रहने वाली क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव ने मनोशांति (सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ केयर, वाराणसी) की ओर से कई मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम किए हैं. उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को जागरूक भी किया है. डॉक्टर शिवांगी श्रीवास्तव ने बताया कि ये किसी भी व्यक्ति को हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार हर चार व्यक्ति में तीन व्यक्ति मानसिक रुप से अस्वास्थ्य हैं.डॉ. शिवांगी श्रीवास्तव ने बताया की मानसिक अस्वस्थता गंभीर बीमारी है. इसकी शुरुआत तनाव से होती है. अगर व्यक्ति में ज्यादा दिनों तक तनाव बना रहता हैं तो परिणाम नकारात्मक हो सकते हैं. मानसिकता अस्वस्थता के लक्षणों में तनाव में रहना, किसी से बात न करना, उदास रहना, शरीर में ऊर्जा न रहना, प्रियजनों से दूरी बनाना, काम के प्रति अरुचि दिखाना, आत्महत्या का विचार आना, अपना नकारात्मक आंकलन करना प्रमुख हैं.

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डॉ. शिवांगी ने कहा कि भारत के कई राज्यों में जैसे पंजाब, श्रीनगर, उड़ीसा, महाराष्ट्र, जयपुर एवं यूपी के कई जिलों में मानसिक स्वस्थ्य को लेकर मुफ्त अभियान चलाया जा रहा है. हमारा मुख्य उद्देश्य है कि लोग शारीरिक स्वास्थ्य से ऊपर मानसिक स्वास्थ्य को रखें. बच्चों का मन कोमल होता है. उनके कोमल मन को समझ पाना कठिन होता है. कुछ व्यावहारिक लक्षण होते हैं, जिसे समझ पाना मुश्किल होता है. इसे रेड प्लेक्स सिम्टम कहते हैं.

यही रेड प्लेक्स सिम्टम उनके परिवार, टीचर या कोई भी सदस्य समझ ले तो बच्चों को सुसाइड जैसी स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है. सेलिब्रिटीज को भी अपने करियर सहित तमाम प्रकार की समस्याओं की चिंता सताती रहती हैं. अगर उनके मानसिक स्वास्थ्य का इलाज नहीं किया जाता तो वो सुसाइड करने जैसा कदम उठाते हैं.

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