उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

बुलडोजर की कार्रवाई से खड़ा हुआ दो वक्त की रोटी का संकट

By

Published : Jun 5, 2022, 5:33 PM IST

मथुरा में नगर निगम ने यातायात व्यवस्था को सही करने के लिए सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वालों को हटा दिया है. इस कारण उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसके चलते सभी रेहड़ी लगाने वालों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

etv bharat
रोजी-रोटी का संकट

मथुरा:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद नगर निगम मथुरा वृंदावन द्वारा अभियान चलाकर अवैध अतिक्रमण ध्वस्त किया जा रहा है. तो वहीं यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सड़क किनारे खड़े होने वाले रेहड़ी पटरी वालों को भी हटाया जा रहा है. इस कारण अब रेहड़ी पटरी वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. उनका कहना है कि कोई दूसरा स्थान मुहैया कराए बिना हमें नगर निगम ने हटा दिया है. इससे हमारे सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. आमदनी का एकमात्र जरिया खत्म हो जाने के चलते घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इसी के चलते सभी ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.

क्या है पूरा मामला

धर्म नगरी वृंदावन के 24 से अधिक रेहड़ी पटरी वाले जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाने के लिए पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह वृंदावन में मंदिरों के आस-पास, छोटा-मोटा सामान बेचकर अपना घर चलाते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार नगर निगम ने अभियान चलाकर सभी रेहड़ी पटरी वालों को हटा दिया और कोई दूसरा स्थान भी नहीं दिया गया है. इससे आमदनी का जारिया पूरी तरह खत्म हो गया है. अब दो वक्त की रोटी का भी जुगाड़ नहीं हो पा रहा है.

रेहड़ी पटरी वालों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ितों ने जानकारी दी

ठेला लगाकर गुजर-बसर करने वाले गिरी शर्मा ने बताया कि वह प्रेम मंदिर के आसपास छोटी-मोटी चीजें बेच कर अपना घर चला रहे थे, उन का छोटा भाई बीमार है जिसकी रोजाना करीब 200 रुपये की दवाई आती है. लेकिन पिछले दो हफ्तों से वह ठेला नहीं लगा पा रहे हैं. इस कारण दवाई तो बंद हो ही गई है, दो वक्त की रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है.

वहीं, प्रेम मंदिर के पास पराठे और छोले कुलचे बेचने वाली भूदेवी ने बताया कि नगर निगम मथुरा वृंदावन द्वारा बलपूर्वक उन्हें मंदिर के पास से हटा दिया गया. अब दोबारा से वहां दुकान नहीं लगाने दिया जा रहा है, उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनका लालन-पालन करना भी अब मुश्किल हो रहा है. किसी तरह से पराठे और छोले-कुलचे बेचकर कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता था. लेकिन अब वह भी बंद हो गया.

यह भी पढ़ें-संतकबीरनगर: मगहर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, संत कबीर की समाधि व मजार का किया दर्शन

इसी तरह से जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाने के लिए पहुंचे लोगों ने अपना दर्द बयां किया और बताया कि हर व्यक्ति के घर में किसी न किसी तरह की समस्या है. मंदिरों के आसपास श्रद्धालुओं को सामान बेच कर किसी तरह से वह अपना घर चला रहे थे. आमदनी का एकमात्र जरिया होने के चलते अब वह घर भी नहीं चला पा रहे हैं. दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए भी अब उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर हमें कुछ और रोजगार दे दें तो हम अपना घर चला पाए. अगर वह कुछ नहीं दे सकते तो हमें जूते पॉलिश का काम ही करवा दें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details