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नैमिषाण्य धाम में नज़र आएगी वैदिक शहर की झलक, अयोध्या-काशी और मथुरा की तरह चमकेगा यह तीर्थ

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Published : Jul 13, 2022, 11:23 AM IST

88,000 ऋषियों की तपोस्थली सीतापुर के नैमिषारण्य धाम में आपको जल्द ही वैदिक शहर की झलक देखने को मिलेगी.

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Chakratirth Naimisharanya in sitapur

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ऐतिहासिक भूमि को अयोध्या, काशी और मथुरा के जैसे चमकाने का फैसला लिया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने धार्मिक स्थल को विकसित करने और संवारने के निर्देश दिए हैं. इसे अब वैदिक शहर, आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को लखनऊ से सीतापुर के लिए इलेक्ट्रिक बस और हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इससे न केवल प्रदेश बल्कि देश और दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नैमिषारण्य धाम के दर्शन सुलभ हो सकेंगे. मुख्यमंत्री ने पर्यटन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग को मिलकर ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.


इसलिए महत्वपूर्ण है नैमिष धाम
नैमिषारण्य तीर्थ सनातन धर्म से जुड़ा हुआ है. यह करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है. यहां मास की हर पूर्णिमा, अमावस्या, नवरात्र और फाल्गुन की चौरासी कोसी परिक्रमा में हर बार लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. कहा जाता है कि यह 88,000 ऋषियों की तपोस्थली है. मां ललिता देवी मंदिर, चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, सूत गद्दी, हनुमान गढ़ी सहित कई पौराणिक और आध्यात्मिक दर्शनीय स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

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यह योजना बनाई गई
नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए चार चरणों में कार्य योजना बनाई गई है. सभी कुंडों में स्वच्छ जल की उपलब्धता, चक्रतीर्थ के जीर्णोद्धार, दधीचि कुंड और मां ललिता देवी मंदिर के सुंदरीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं. नैमिषधाम के 5, 14 और 84 कोसी परिक्रमा पथ का विकास भी किया जाएगा.

  • पहले फेज में चक्र तीर्थ, मां ललिता देवी मंदिर, दधिचि कुंड और सीता कुंड को विकसित किया जाएगा.
  • दूसरे फेज में दधिचि कुंड, रुद्रावर्त महादेव, देवदेश्वर मंदिर और काशी कुंड का विकास किए जाने का प्रस्ताव है.
  • शहरी और क्षेत्रीय विकास के लिए अलग से कार्य योजना तैयार की गई है.

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