उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

लखनऊ के 5.85 लाख गृह स्वामियों को लग सकता है झटका, जानिए क्या है मामला?

By

Published : Jun 24, 2022, 3:48 PM IST

नगर निगम

लखनऊ नगर निगम की आय का सबसे बड़ा साधन गृहकर है. सदन की बैठक में भले ही इस बार हाउस टैक्स न बढ़ाने का फैसला लिया गया हो, लेकिन इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.

लखनऊ : लखनऊ नगर निगम शहर के करीब 5 लाख 85 हजार गृह स्वामियों को बढ़ा झटका देने की तैयारी में है. सदन की बैठक में भले ही इस बार हाउस टैक्स न बढ़ाने का फैसला लिया गया हो, लेकिन इसको लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. शासन की तरफ से भी आय बढ़ाने के निर्देश दिए गये हैं.


लखनऊ नगर निगम की आय का सबसे बड़ा साधन गृहकर है. अधिनियम के तहत हर दो साल में हाउस टैक्स को रिवाइज किए जाने का प्रावधान है. बीते करीब 10 सालों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. जिसका नतीजा है कि नगर निगम घाटे में रहता है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में आवासीय भवनों से 5,26,216, अनावासीय से 59,278 कुल मिलाकर 3,15,290 से टैक्स वसूला गया है. वहीं पिछले वर्ष 3,05,476 भवनों से गृहकर वसूला गया था. नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि आय बढ़ाने के लिए हाउस टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार हो गया है.

जानकारी देते संवाददाता आशीष त्रिपाठी



गृहकर पर खींचातान :इस समय विभाग में हाउस टैक्स को लेकर खींचातानी मची हुई है. असल में नगर निगम प्रशासन आय बढ़ाने के लिए बार-बार कोशिश कर रहा है. सदन में भी मुद्दा रखा गया, लेकिन महापौर और भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा पार्षद इस समय हाउस टैक्स बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं. इसके पीछे आने वाले नगर निकाय चुनाव को अहम माना जा रहा है. अगर इस समय गृहकर बढ़ता है तो उनका मानना है कि चुनाव के दौरान जनता से वोट मांगना मुश्किल होगा.

ये भी पढ़ें : आईएएस अधिकारी रामविलास यादव मुख्तार परिवार के अवैध निर्माणों को देते थे हरी झंडी, शासन को भेजी गई रिपोर्ट

OTS लाने की है तैयारी : वर्तमान में नगर निगम की तरफ से हाउस टैक्स जमा करने की प्रक्रिया चल रही है. नगर निगम ने 10 प्रतिशत तक की छूट दी है. हालांकि, सदन में हाउस टैक्स, वाटर टैक्स में OTS (एकमुश्त समाधान) योजना को भी मंजूरी दे दी है. एक अनुमान के मुताबिक, लखनऊ के करीब 277090 आवासीय भवन और 39500 अन-आवासीय भवनों पर गृहकर का बकाया है. इनका कुल बकाया 382.8 करोड़ रुपये है. इनका कुल ब्याज 279.15 करोड़ रुपये है. माना जा रहा है कि अगर इस बार नगर निगम ओटीएस को प्रभावी ढंग से लागू कराने में सफल होता है तो आय की स्थिति में बेहतर सुधार देखने को मिलेगा. एकमुश्त समाधान योजना लागू होने के बाद हाउस टैक्स पर लिए जाने वाला ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details