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भारी भरकम बिल से घबरा रहा उपभोक्ताओं का दिल, काट रहे उपकेंद्र के चक्कर

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Published : Oct 13, 2022, 1:13 PM IST

बिजली विभाग के गलत बिल उपभोक्ताओं को जोरदार झटका दे रहे हैं. हर माह बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी इन गलत बिलों की वजह से टेंशन हो रही है. सितंबर माह से प्रति यूनिट 50 पैसे की कमी होने के बाद भी विभाग ने लोगों को काफी ज्यादा बड़े बिल भेज दिए हैं.

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लखनऊ. बिजली विभाग के गलत बिल उपभोक्ताओं को जोरदार झटका दे रहे हैं. हर माह बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी इन गलत बिलों की वजह से टेंशन हो रही है. सितंबर माह से प्रति यूनिट 50 पैसे की कमी होने के बाद भी विभाग ने लोगों को काफी ज्यादा बड़े बिल भेज दिए हैं. ऐसे कई उपभोक्ताओं के मामले सामने आए हैं, जिनमें उपभोक्ताओं ने गलत बिल भेजे जाने की शिकायत ऊर्जा विभाग से की है. इतना ही नहीं उदयगंज निवासी उपभोक्ता बीपी वर्मा ने तो इसके लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करा दी है.


क्या कहते हैं उपभोक्ता : उदयगंज के डायमंड डेरी कॉलोनी निवासी पीबी वर्मा का 7831968256 अकाउंट नंबर है. हुसैनगंज विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत उनका कनेक्शन है. पीबी वर्मा का सितंबर महीने का बिल 15,755 रुपए आ गया. बिल देखते ही उनका दिल घबरा गया. वह चौंक गए. पीबी वर्मा बताते हैं कि इससे पहले भी उनके आवास का बिजली बिल बहुत ज्यादा आया था. बिजली विभाग ने शमन कर कम कर दिया था और धनराशि जमा करा दी थी. नियमित भुगतान करने के बाद भी इतना ज्यादा बिल देखकर घबराहट हो गई. उनकी आयु 80 साल से ऊपर है. बिस्तर से उठना भी दूभर है. साइकिल पर चलते हैं, लेकिन बिल देखकर वह काफी परेशान हैं. पीबी वर्मा की तरफ से ज्यादा बिल आने और मीटर बदलने के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) को पत्र भी लिखा गया है. हालांकि बिजली विभाग का कहना है कि उन्होंने एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लिया था और उसकी कुछ किश्तें नहीं जमा हैं, इसलिए ज्यादा बिल आया है.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय

आलमबाग के आजाद नगर निवासी रविंद्रनाथ बाजपेई का दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है. उनका कहना है कि हर महीने डेढ़ सौ से 200 के बीच बिजली बिल आता था. समय से हर महीने 1200 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक का भुगतान कर देते थे, लेकिन सितंबर माह में बिजली विभाग ने अचानक 650 यूनिट का बिल बनाकर भेज दिया जो तकरीबन ₹7000 है. उनका आरोप है कि समाधान दिवस में तीन बार कंप्लेंट कर चुके हैं, लेकिन अभी तक बिल में कोई सुधार नहीं किया गया.

इसी तरह गौरभीठ निवासी मुकेश कनौजिया का भी दो किलोवाट का कनेक्शन है. मीटर रीडर की तरफ से जारी किए गए बिल का नियमित भुगतान भी उपभोक्ता की तरफ से किया जाता है. बावजूद इसके सितंबर के बिल में हजार रुपए के करीब एरियर के नाम पर जोड़कर बिजली विभाग ने भेज दिया. अधिकारियों से जब बिल चेक कराया गया तो बताया गया कि रीडिंग स्टोर थी. मुकेश का कहना है कि स्टोर मीटर रीडिंग के नाम पर भी बिजली विभाग उपभोक्ताओं को ठग रहा है. बिल में अतिरिक्त पैसा जोड़कर भेज रहा है.



इसी तरह उपभोक्ता शैल कुमारी का भी सिर्फ दो ही किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है. उनका कहना है कि सितंबर माह में ₹7000 का बिल आ गया, जबकि इतनी यूनिट खर्च ही नहीं की गई थी. किसी तरह पार्ट पेमेंट कराकर बिल जमा कर पाई, लेकिन उसके बाद फिर से गलत बिल भेज दिया जाता है.

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हुसैनगंज उपकेंद्र के उपखंड अधिकारी एपी चौधरी ने कहा कि उपभोक्ता को सबसे पहले अपना मीटर चेक करा लेना चाहिए. अगर मीटर रीडिंग सही है तो कोई बात नहीं, फिर भी चेक मीटर लगवा सकते हैं. अगर बिल संशोधित करने की आवश्यकता है तो सही किया जा सकता है. सीलिंग पर जब बिल चला जाता है तो एक्सेस लोड होता है. मान लिया किसी का कनेक्शन एक किलोवाट है और दो किलोवाट का लोड है तो यह बिल सीलिंग पर चला जाता है. इसी तरह की समस्याएं उपभोक्ताओं के सामने आ रही हैं. उपभोक्ता यह समझ नहीं पाते हैं इसलिए उन्हें बिल ज्यादा लगता है.

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