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श्रीगंगानगर : पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी...नशे में पत्थर से कुचला था सिर

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Published : Nov 4, 2020, 10:49 PM IST

श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ थाना पुलिस ने 4 दिन बाद हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. साथ ही मृतक की पहचान भी कर ली गई है. आरोपी ने नेश की हालत में हत्या करना स्वीकार किया.

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सुलझ गई हत्या की गुत्थी

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर).सिटी पुलिस ने 4 दिन बाद बुधवार को हत्या की गुत्थी सुलझाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस टीम के प्रयास से मृतक की शिनाख्त गांव 5 जीडीएम, पुलिस थाना जैतसर निवासी महेंद्र उर्फ महावीर(28) पुत्र काशीराम जाट के रुप में हुई है. पुलिस की सूचना पर मृतक के भाई कृष्ण कुमार ने सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में पहुंच शव की अपने भाई महेंद्र के रूप में पहचान की.

सुलझ गई हत्या की गुत्थी

सीआई रामकुमार लेघा ने बताया कि मृतक और आरोपी अज्ञात होने पर एएसआई लालचंद, कांस्टेबल देवीलाल और रविंद्र की टीम गठित कर जांच शुरु की गई. आरोपी युवक दीपू उर्फ दीपक खन्ना (22) पुत्र दलीपकुमार धानक निवासी वार्ड नंबर 42 को राउंडअप कर पूछताछ शुरू की गई. आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में नशे में महेंद्र की हत्या करना स्वीकार किया.

सीआई ने बताया कि महेंद्र ने आरोपी के घर पर शराब का नशा किया. इस दौरान दोनों की आपस में कहासुनी होने पर आरोपी दीपू ने महेंद्र के सिर पर पत्थर से वार कर हत्या कर दी. शव को खुर्द बुर्द करने के इरादे से शिवालय के पीछे गंदे पानी की गिनानी के किनारे कचरे में फेंक दिया. सीआई ने बताया कि आरोपी को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ और आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर सहित अन्य सामान की बरामदगी की जाएगी.

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बता दें कि 1 नवबंर को वार्ड नंबर 42 स्थित गिन्नाणी के निकट कचरे के ढेर से क्षत-विक्षित हालात में अज्ञात युवक का शव बरामद हुआ था. बिना जान-पहचान दोनों 2 दिन तक साथ में रहे. सीआई लेघा ने बताया कि मृतक 30 अक्टूबर को सुबह 8 बजे घर से मजदूरी का कहकर निकला था. सूरतगढ़ में आकर धानमंडी में मजदूरी की. इस दौरान रेलवे स्टेशन पर उसकी पहचान दीपू के साथ हो गई. 31 अक्टूबर को दोनों ने धानमंडी में मजदूरी कर नशा किया. वहीं बस स्टैंड स्थित इंदिरा रसोई में खाना भी खाया.

इसके बाद दोनों दीपू के वार्ड नबंर 42 स्थित घर नशा करने के लिए आ गए. वहां नशे में धूत दीपू ने महेंद्र के सिर पर पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर दी. पहचान छुपाने के लिए चेहरा विकृत कर दिया. साथ ही घर में खून के दाग हटाने के लिए सफाई की. लाश को खुर्दबुर्द करने के लिए कचरे के ढेर में फेंक दी. आरोपी मानसिक रुप से हिंसक प्रवर्ती का है. आरोपी ने वर्ष 2017 में भी अपने पिता पर जानलेवा हमला किया था. साथ ही घर पर आग लगा दी थी.

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जानकारी के अनुसार एएसआई लालचंद, कांस्टेबल देवीलाल व रविंद्र ने 4 दिन तक लगातार करीब 200 से अधिक नशेडियों के पास दिन-रात तक पूछताछ की। शहर में विभिन्न जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल कर अज्ञात मृतक की शिनाख्त करने में अहम सबूत जुटाए। यही कारण रहा कि पुलिस ने 4 दिन में ही ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझा दी.

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