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राजसमंद: हिंदुस्तान जिंक के बाहर प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों को पुलिस ने खदेड़ा, नौकरी पर लगाने की कर रहे थे मांग

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Published : Mar 20, 2021, 1:41 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 3:52 PM IST

राजसमंद में हिंदुस्तान जिंक वेदांता की आरडी और एसके माइंस के मुख्य गेट पर श्रमिकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने श्रमिकों को बलपूर्वक खदेड़ा. जिसकी दरीबा खान मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने निंदा की है.

राजसमंद न्यूज, Hindustan Zinc of Rajasmand
हिंदुस्तान जिंक के श्रमिकों का प्रदर्शन

राजसमंद. रेलमगरा उपखंड क्षेत्र में स्थित हिंदुस्तान जिंक वेदांता की आरडी और एसके माइंस के मुख्य गेट पर अलसुबह श्रमिकों के जमा होने और प्रदर्शन करने से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस प्रशासन ने श्रमिकों को बलपूर्वक खदेड़ा. इस कार्रवाई की दरीबा खान मजदूर संघ ने निंदा की है.

हिंदुस्तान जिंक के श्रमिकों का प्रदर्शन

कोरोना के समय नौकरी से निकाले गए श्रमिकों को पुनः नौकरी पर लगाने की मांग को लेकर अचानक श्रमिक धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंच गए. जिससे पुलिस, प्रशासन और जिंक प्रशासन में हड़कंप मच गया लेकिन नौकरी पर लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे श्रमिकों को पुलिस ने आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रदर्शन करने से श्रमिकों को रोक दिया. इस पर दरीबा खान मजदूर संघ के पदाधिकारियों की ओर से जिंक मैनेजमेंट और पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार करने पर निंदा की.

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जानकारी के अनुसार जिंक प्रशासन ने करीब 10 माह पूर्व कोरोना का हवाला देते हुए एसके और आरडी माइन्स में कार्यरत श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया था. इसको लेकर हिंदुस्तान जिंक वर्कर्स फेडरेशन और दरीबा खान मजदूर संघ की ओर से प्रशासन को समय-समय पर अवगत कराया. केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से कोरोना काल में श्रमिकों को नौकरी से नहीं निकालने के लिए पाबंद किया और श्रमिकों का भुगतान करने के आदेश दिए गए लेकिन जिंक प्रशासन की ओर से आदेशों की अवहेलना करते हुए श्रमिकों को नौकरी से निकाला गया. जिसके लिए यूनियन की ओर से लगातार संघर्ष करते हुए श्रमिकों को नौकरी दिलाने का कार्य किया गया.

दरीबा खान मजदूर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरहरि देव सिंह राठौड़ ने कहा कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की ओर से एस के माइंस के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन किया गया. जिसमें यूनियन के श्रमिकों की ओर से जनप्रतिनिधियों का समर्थन किया और जनप्रतिनिधियों के द्वारा नौकरी से निकाले गए श्रमिकों को नौकरी दिलाने का कहा लेकिन अभी तक भी श्रमिक बेरोजगार बैठे हुए हैं. उनको जिंक प्रशासन के द्वारा पुनः नौकरी पर नहीं लगाया गया है. इसके साथ ही आरडी माइंस मैनेजमेंट के साथ श्रमिकों को नौकरी पर लगाने के लिए लिखित में दिया. जिसमें 15 मार्च तक श्रमिकों को नौकरी पर लगाया जाना तय हुआ लेकिन एस के माइंस के श्रमिकों को 7 जनवरी और आरडी में 15 मार्च तक नौकरी पर लगाया जाना तय था लेकिन जिंक प्रशासन की ओर से श्रमिकों को नौकरी पर नहीं लगाने जाने के कारण दरीबा खान मजदूर संघ के बैनर तले श्रमिकों ने एसके और आरडी माइंस पर धरना प्रदर्शन कर किया.

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जब अलसुबह श्रमिक दोनों ही जगह धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे, तो श्रमिकों के साथ पुलिस एवं प्रशासन के द्वारा आचार संहिता का हवाला देते हुए दुर्व्यवहार किया गया. पुलिस द्वारा श्रमिकों की आवाज को दबाने के लिए उन पर बल प्रयोग किया गया. श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए इंटक दरीबा खान मजदूर संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरहरीदेव सिंह राठौड़, मजदूर नेता शान्तिलाल सुथार, रोशनलाल जाट, हेमराज, देवीलाल, निरंजन सिंह आदि ने श्रमिकों के साथ बल प्रयोग की घोर निंदा की.

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यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि आचार संहिता की पालना करते हुए यूनियन और श्रमिकों ने धरना प्रदर्शन को निरस्त किया. अगर आचार संहिता हटने तक श्रमिकों को नौकरी पर नहीं लिया गया, तो ऐसी स्थिति में यूनियन और श्रमिकों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी. बता दें कि इस क्षेत्र में प्रशासन लगातार जींद क्या अवैध कब्जे और मनमानी ऊपर कार्रवाई करता है लेकिन अपने ही श्रमिकों के साथ जिनका यह दुर्व्यवहार अब आने वाले समय में किसी बड़े आंदोलन का सबब बन सकता है.

Last Updated : Mar 20, 2021, 3:52 PM IST

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