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कोटा संभाग में सबसे ज्यादा हिंडोली विधानसभा में यूरिया की किल्लत, दो अधिकारियों पर गिरी गाज

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Published : Nov 13, 2022, 4:26 PM IST

कोटा संभाग में भी यूरिया की आपूर्ति बाधित हो रही है. इसके चलते किसान परेशान होने के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर शिकायत बूंदी जिले की केवल हिंडोली विधानसभा क्षेत्र से हैं. उसके अलावा कोटा, बारां व झालावाड़ में भी किसानों की कतारें कम ही नजर आ रही हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

Situation worse in Hindoli
सबसे ज्यादा हिंडोली विधानसभा में यूरिया की किल्लत

कोटा.राजस्थान के साथ कोटा संभाग में भी यूरिया की आपूर्ति बाधित हो रही है. लेकिन ज्यादातर शिकायत बूंदी जिले की केवल हिंडोली विधानसभा क्षेत्र से हैं. बूंदी जिले की केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के इंद्रगढ़ और बारां जिले की किशनगंज विधानसभा क्षेत्र के भंवरगढ़ में भी कतारें लगना सामने आया था, लेकिन यह इतनी ज्यादा नहीं हैं जितनी बुंदी जिले के नैनवा इलाके में लग रही हैं. जबकि बूंदी जिला मुख्यालय से हिंडोली विधानसभा में हिंडोली 25, देई 50 व नैनवा 72 किलोमीटर दूर स्थित है.

यहां इसी तरह से कतारें नजर आ रही हैं, जिसमें हजारों की संख्या में लोग वहां पर यूरिया की मिलने की सूचना पर (Urea Shortage in Kota Division) पहुंच जाते हैं और जमकर हंगामा होता है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक राम अवतार शर्मा का कहना है कि किसान एक साथ ही रवि के सीजन के लिए यूरिया लेने पहुंच रहे हैं. कोटा संभाग में अधिकतर जगह यूरिया की उपलब्धता है, लेकिन बूंदी जिले के नैनवा, करवर और देई में यह प्रॉब्लम है.

राम अवतार शर्मा ने क्या कहा...

इस तरह के हैं हालात, एक किमी तक किसानों की लाइनें : यूरिया खाद के लिए सुबह जल्दी ही किसान खाद की दुकानों पर उमड़े जाते हैं. जहां दुकानों पर 500 कट्टे यूरिया आने पर ही दो हजार से ज्यादा किसान वहां पर लेने पहुंच जाते हैं. पुलिस सुरक्षा में ही यह यूरिया बांटा जाता है. प्रशासनिक अधिकारी भी इसकी निगरानी के लिए पहुंचते हैं. नैनवा, देई, बांसी, करवर व हिंडोली में एक किमी तक की लंबी कतारें लग जाती है. कतारों में महिला किसान भी वहां मौजूद रहती हैं. धक्का-मुक्की भी इन कतारों में होती है. हालात ऐसे है कि दुकानदार पुलिस और प्रशासन के नहीं पहुंचने तक खाद नहीं बांटते हैं. क्योंकि किसानों के उग्र होने पर मारपीट तक की नौबत आ जाती है.

नैनवा में स्टेट हाईवे को किया जाम : नैनवा में शनिवार को खाद के लिए एक किमी (Farmers problems in Kota) कतार लग गई. एक दुकान पर खाद खत्म होने के बाद किसानों ने हंगामा कर दिया. बाद में किसानों ने खाद की मांग को लेकर स्टेट हाइवे जाम कर दिया. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश कर जाम को खुलवाया. नैंनवां में खाद वितरण करवाने के लिए कलक्टर व अतिरिक्त कलक्टर भी पहुंचे. करवर में भी खाद लेने के लिए किसानो का मेला लगा रहा. बांसी में शनिवार सुबह यूरिया लेने के किसानों की भीड़ होने पर थानाधिकारी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे व दोनों जगह पर जाप्ता तैनात कर टोकन वितरण करवाया गया.

दावा मांग का 44 फीसदी आ गया है यूरियाः ज्वाइंट डायरेक्टर राम अवतार शर्मा के अनुसार कोटा संभाग में 3 लाख 10 हजार मीट्रिक टन यूरिया की मांग है. जिसमें 1 लाख 37 हजार एमटी यूरिया आ चुका है. अधिकांश जगह लाइनें नहीं है. किसानों को मांग के अनुरूप यूरिया उपलब्ध करवाया जा रहा है. किसानों से आग्रह है कि सरसों के पहले पानी शुरू हुआ है, ऐसे में वह केवल उसके लिए ही यूरिया स्टॉक करें. अभी गेहूं और अन्य फसलों के लिए अभी यूरिया को स्टॉक नहीं करें और आपाधापी भी नहीं करें. उन्होंने कहा कि कई किसान पूरे सीजन के लिए यूरिया खरीदने के लिए कतारों में लगे हुए हैं. इसी के चलते सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है और एक साथ सप्लाई करना भी सरकार के लिए संभव नहीं है. जैसे-जैसे यूरिया आ रहा है किसानों की मांग के अनुरूप उन्हें उपलब्ध भी करवाया जा रहा है.

कोटा संभाग से कम आवंटन होने के चलते वहां किल्लत : कोटा संभाग के पड़ोसी जिला सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर और भीलवाड़ा में यूरिया और अन्य खाद के आवंटन में लेटलतीफी है. इसके चलते उन जिलों में भयंकर कमी बनी हुई है. यही हाल मध्यप्रदेश का है, लेकिन राजस्थान को आवंटित यूरिया से एमपी के किसानों को पॉस के जरिए यूरिया नहीं दिया जा रहा है. हालांकि राजस्थान के अन्य जिलों के किसानों पर किसी तरह का रोक नहीं लगाया जा सकता है. कोटा- बूंदी लोकसभा क्षेत्र में स्पीकर ओम बिरला लगातार यूरिया के लिए प्रयासरत हैं. जिनके चलते लगातार यहां यूरिया पहुंच रहा है. इसका भी असर आवंटन में देखने को मिल रहा है. जबकि हिंडोली विधानसभा एरिया में लंबी कतारें लग रही हैं. यह कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से भी बाहर है. यह भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, इसके चलते भारी समस्या बनी हुई है.

पढ़ें :Scarcity of Urea in Rajasthan : अशोक चांदना का केंद्र पर हमला, कहा - चुनावी राज्यों में जा रहा राजस्थान का यूरिया

दूसरे जिले में ले जाकर महंगा बेच रहे : हिंडोली विधानसभा क्षेत्र के देई और नैनवा इलाके से शिकायत यह भी आ रही है कि दूसरे जिले के जो किसान यूरिया खरीदने आ रहे हैं. वह यहां से 270 रुपए के आसपास के दाम पर ही खरीद रहे हैं, लेकिन वहां अपने जिलों में ले जाकर इसको 450 से लेकर 500 रुपए तक में भी बेच रहे हैं. क्योंकि वहां ज्यादा किल्लत है. टोंक, भीलवाड़ा, सवाईमाधो और अजमेर जिले के कई किसान इन इलाकों में खरीदने के लिए भी पहुंच रहे हैं.

किसान लगा चुके हैं राज्यमंत्री चांदना के खिलाफ नारे : हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस एरिया में यूरिया की किल्लत के चलते परेशान किसानों और आम जनता के निशाने पर क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री अशोक चांदना रहे हैं. किसानों ने जमकर अशोक चांदना के खिलाफ नारेबाजी भी की है. हालांकि इस संबंध में अशोक चांदना का कहना है कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को मांग के अनुरूप यूरिया का आवंटन नहीं कर रही है. इसी के चलते किल्लत बनी हुई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि बीते साल उत्तर प्रदेश में चुनाव थे, तो वहां पूरा यूरिया सप्लाई किया गया. इस साल गुजरात में चुनाव है तो गुजरात में यूरिया की सप्लाई की जा रही है, लेकिन राजस्थान के साथ सौतेला व्यवहार केंद्र सरकार कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की मांग 5 लाख मीट्रिक टन यूरिया की है, लेकिन महज एक लाख मीट्रिक टन ही आवंटन किया गया है.

खाद वितरण में अनियमितता पर बूंदी के दो अधिकारी निलंबित : संभाग में केवल हिंडौली विधानसभा एरिया में ही किसानों को खाद के लिए परेशान होना और उनकी नाराजगी के बाद अधिकारियों पर भी सरकार ने कार्रवाई की है. इन अधिकारियों पर यूरिया वितरण में लापरवाही का आरोप लगा है. निलंबित अधिकारियों में उपनिदेशक रमेश चंद जैन और देई के सहायक कृषि अधिकारी पप्पू लाल मीणा हैं. रमेश चंद जैन को निलंबन काल में जयपुर में उपस्थिति देनी होगी. इस मसले में शनिवार को ही क्षेत्रीय विधायक और मंत्री अशोक चांदना ने नाराजगी जताई थी. जिसके बाद ही अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है.

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