कोटा.राजस्थान के साथ कोटा संभाग में भी यूरिया की आपूर्ति बाधित हो रही है. लेकिन ज्यादातर शिकायत बूंदी जिले की केवल हिंडोली विधानसभा क्षेत्र से हैं. बूंदी जिले की केशोरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के इंद्रगढ़ और बारां जिले की किशनगंज विधानसभा क्षेत्र के भंवरगढ़ में भी कतारें लगना सामने आया था, लेकिन यह इतनी ज्यादा नहीं हैं जितनी बुंदी जिले के नैनवा इलाके में लग रही हैं. जबकि बूंदी जिला मुख्यालय से हिंडोली विधानसभा में हिंडोली 25, देई 50 व नैनवा 72 किलोमीटर दूर स्थित है.
यहां इसी तरह से कतारें नजर आ रही हैं, जिसमें हजारों की संख्या में लोग वहां पर यूरिया की मिलने की सूचना पर (Urea Shortage in Kota Division) पहुंच जाते हैं और जमकर हंगामा होता है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक राम अवतार शर्मा का कहना है कि किसान एक साथ ही रवि के सीजन के लिए यूरिया लेने पहुंच रहे हैं. कोटा संभाग में अधिकतर जगह यूरिया की उपलब्धता है, लेकिन बूंदी जिले के नैनवा, करवर और देई में यह प्रॉब्लम है.
इस तरह के हैं हालात, एक किमी तक किसानों की लाइनें : यूरिया खाद के लिए सुबह जल्दी ही किसान खाद की दुकानों पर उमड़े जाते हैं. जहां दुकानों पर 500 कट्टे यूरिया आने पर ही दो हजार से ज्यादा किसान वहां पर लेने पहुंच जाते हैं. पुलिस सुरक्षा में ही यह यूरिया बांटा जाता है. प्रशासनिक अधिकारी भी इसकी निगरानी के लिए पहुंचते हैं. नैनवा, देई, बांसी, करवर व हिंडोली में एक किमी तक की लंबी कतारें लग जाती है. कतारों में महिला किसान भी वहां मौजूद रहती हैं. धक्का-मुक्की भी इन कतारों में होती है. हालात ऐसे है कि दुकानदार पुलिस और प्रशासन के नहीं पहुंचने तक खाद नहीं बांटते हैं. क्योंकि किसानों के उग्र होने पर मारपीट तक की नौबत आ जाती है.
नैनवा में स्टेट हाईवे को किया जाम : नैनवा में शनिवार को खाद के लिए एक किमी (Farmers problems in Kota) कतार लग गई. एक दुकान पर खाद खत्म होने के बाद किसानों ने हंगामा कर दिया. बाद में किसानों ने खाद की मांग को लेकर स्टेट हाइवे जाम कर दिया. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश कर जाम को खुलवाया. नैंनवां में खाद वितरण करवाने के लिए कलक्टर व अतिरिक्त कलक्टर भी पहुंचे. करवर में भी खाद लेने के लिए किसानो का मेला लगा रहा. बांसी में शनिवार सुबह यूरिया लेने के किसानों की भीड़ होने पर थानाधिकारी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे व दोनों जगह पर जाप्ता तैनात कर टोकन वितरण करवाया गया.
दावा मांग का 44 फीसदी आ गया है यूरियाः ज्वाइंट डायरेक्टर राम अवतार शर्मा के अनुसार कोटा संभाग में 3 लाख 10 हजार मीट्रिक टन यूरिया की मांग है. जिसमें 1 लाख 37 हजार एमटी यूरिया आ चुका है. अधिकांश जगह लाइनें नहीं है. किसानों को मांग के अनुरूप यूरिया उपलब्ध करवाया जा रहा है. किसानों से आग्रह है कि सरसों के पहले पानी शुरू हुआ है, ऐसे में वह केवल उसके लिए ही यूरिया स्टॉक करें. अभी गेहूं और अन्य फसलों के लिए अभी यूरिया को स्टॉक नहीं करें और आपाधापी भी नहीं करें. उन्होंने कहा कि कई किसान पूरे सीजन के लिए यूरिया खरीदने के लिए कतारों में लगे हुए हैं. इसी के चलते सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है और एक साथ सप्लाई करना भी सरकार के लिए संभव नहीं है. जैसे-जैसे यूरिया आ रहा है किसानों की मांग के अनुरूप उन्हें उपलब्ध भी करवाया जा रहा है.