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Rajasthan Assembly Election 2023 : कांग्रेस की लिस्ट से पहले ही जैसलमेर में इन दो नेताओं के दौरे हुए तेज, इन चर्चाओं से बाजार गर्म

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 17, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Oct 17, 2023, 10:31 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस अभी तक मंथन में जुटी हुई है. इस बीच जैसलमेर में कांग्रेस के दो नेता लिस्ट आने से पहले ही चुनावी प्रचार को लगातार धार दे रहे हैं.

Manvendra Singh jasol started election campaign
मानवेंद्र सिंह जैसलमेर से लड़ सकते है चुनाव

जोधपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन अभी तक कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी नहीं हुई है, जिसके चलते टिकट के दावेदारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि पार्टी के बहुत से मौजूदा विधायक खुलकर मैदान में प्रचार नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि खबरें आ रही हैं कि बड़ी संख्या में पार्टी मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है. इस बीच जैसलमेर में टिकट के दावेदार मानवेंद्र सिंह जासोल और मौजूदा विधायक रूपाराम प्रचार प्रसार में जुट गए हैं.

दोनों नेता हर दिन चुनाव प्रचार करते हुए लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. मौजूदा विधायक कांग्रेस के रुपाराम क्षेत्र में दौरे कर रहे हैं. वहीं, मानवेंद्र सिंह भी लगातार लोगों से मिल रहे हैं. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इस बार मानवेंद्र सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतार सकती है. अचरज इस बात का भी है कि जसोल और रुपाराम दोनों चुनावी रण में उतर चुके हैं, लेकिन दोनों नेता एक-दूसरे को लेकर किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं कर रहे हैं.

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आत्मविश्वास की वजह आलाकमान : मानवेंद्र सिंह ने सितंबर 2018 में भाजपा छोड़ी. इसके लिए उन्होंने बड़ी सभा का भी आयोजन किया था. पार्टी छोड़ने की वजह उनके पिता को भाजपा की ओर से उम्मीदवार नहीं बनाया जाना था. इसमें वे तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे की भूमिका मानते थे. भाजपा छोड़ने के 22 दिन बाद उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला लिया. झालावाड़ चुनाव के बाद उन्हें राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था. बताया जा रहा है कि हाल ही में कुछ दिनों पहले मानवेंद्र सिंह दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने कांग्रेस के आलाकमान से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने 16 अक्टूबर से अपनी जैसलमेर यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की है.

2018 चुनाव में भेजे गए थे झालावाड़ :2013 में मानवेंद्र सिंह बाड़मेर जिले के शिव से भाजपा से विधायक चुने गए थे. उससे पहले वे एक बार बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुके थे, लेकिन वसुंधरा राजे से उनकी खींचतान बनी रही, जिसके चलते आखिरकार उन्होंने 2018 में कांग्रेस का दामन थाम लिया. 2018 में पार्टी ने उनको वसुंधरा राजे के सामने चुनाव लड़ने झालावाड़ भेज दिया था, जहां से वे हार गए. साथ ही, जैसलमेर सामान्य सीट है, यहां से अनुसूचित जाति वर्ग के रुपाराम को दूसरी बार मौका दिया गया था, जिसमें वे सफल होकर विधायक बन गए थे, लेकिन इस बार मानवेंद्र सिंह पूरी तैयारी के साथ जैसलमेर में प्रचार में जुट गए हैं. इससे कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं.

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इस बार अनिश्चतता : जैसलमेर सीमावर्ती इलाका है. राजपूत, अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक यहां बाहुल्य है. 1998 के बाद के तीन चुनाव लगातार यहां भाजपा ने जीते थे. गत चुनाव में कांग्रेस ने रणनीति बदली और सामान्य सीटी पर एससी उम्मीदवार उतारा, जिससे अल्पसंख्यक और एससी का गठजोड़ बना. इसका फायदा पार्टी को पोकरण में भी हुआ. दोनों सीटें कांग्रेस पार्टी ने जीत ली, लेकिन अब मानवेंद्र सिंह आकर मैदान में डट गए हैं. जिसके बाद इस सीट को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो चली हैं. चर्चा यह भी है कि अगर मानवेंद्र सिंह को टिकट नहीं मिला तो क्या वे नई राह पकड़ेंगे या फिर भाजपा की तरफ रुख करेंगे. बता दें किमानवेंद्र सिंह जसोल ने जैसलमेर में एक सभा के दौरान चुनाव लड़ने को लेकर बात कही है. उन्होंने सभा में कहा कि जयपुर बुलाया गया और चुनाव लड़ने के लिए कहा गया. वहां कई सीटों के बारे में बताया लेकिन, मैंने कहा कि मेरा जीव शिव और जैसलमेर में है. इसके अलावा कहीं से चुनाव नहीं लड़ना चाहता. उन्होंने कहा कि आवेदन केवल जैसलमेर के लिए भरा है और कहीं के लिए नहीं भरा है.

Last Updated :Oct 17, 2023, 10:31 PM IST

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