जयपुर. प्रदेश में कई जिले शीतलहर की चपेट में हैं. सर्द हवा से जनजीवन प्रभावित है. राजधानी में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री तक जा पहुंचा है. वहीं जयपुर से 50 किलोमीटर दूर जोबनेर में पारा शून्य पहुंच गया है. सर्दी के सितम को देखते हुए शिक्षा विभाग में 26 दिसंबर से 5 जनवरी तक सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित किया है. बावजूद इसके अभी भी राजधानी सहित विभिन्न जिलों में प्राइवेट स्कूल खोले जा रहे हैं. जिसकी वजह से नौनिहाल ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं. इस बीच कोरोना की दस्तक पर संयुक्त अभिभावक संघ ने केंद्र और राज्य सरकार से स्कूलों में प्रार्थना सभा बंद करने, मास्क अनिवार्य करने और शिक्षण संस्थानों के लिए गाइडलाइन जारी करने की अपील की (Demand of corona guideline for schools) है.
राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. ये पहली बार नहीं है, जब प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दरकिनार कर अपने कैलेंडर के हिसाब से स्कूल संचालित कर रहे हैं. हाल ही में विभाग में सर्दी को मद्देनजर रखते हुए स्कूलों का समय सुबह 10 बजे का निर्धारित किया था. लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने तब भी समय नहीं बदला. कारण स्पष्ट है कि विभाग के आदेशों का उल्लंघन करने के बावजूद प्राइवेट स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. लिहाजा स्कूल संचालकों में किसी तरह का डर नहीं है, या फिर विभाग परिजनों की शिकायत का इंतजार कर रहा है.
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वहीं देशभर में एक बार फिर कोरोना के खतरे की घंटी बजना शुरू हो गई है. जिसको लेकर केंद्र सरकार हो या राज्य की सरकार सभी सतर्कता बरतने के लिए गाइडलाइन बना रहे हैं. जनता से भी अपील कर रहे हैं. लेकिन कोरोना जहां सबसे बड़ी दस्तक दे सकता है, वो हैं शिक्षण संस्थान. जहां ना केंद्र सरकार ध्यान दे रही है ना राज्य की सरकारें. इसे देखते हुए संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार गाइडलाइन जारी करे. जिसमें स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए और हर स्कूल, कॉलेज, कोचिंग में मास्क को अनिवार्य किया जाए.