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सरकार के खिलाफ इस बार सरकारी चिकित्सा शिक्षक लामबंद, एक जून तक का दिया ये अल्टीमेटम

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Published : May 26, 2023, 6:26 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर में चिकित्सा शिक्षकों ने एकबार फिर से लामबंद होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है. चिकित्सा शिक्षक आगामी 29 मई से 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे. इसके बाद भी अगर मांगे नहीं मानी गईं तो 1 जून से पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी है.

medical teachers mobilized against government
सरकार के खिलाफ इस बार सरकारी चिकित्सा शिक्षक लामबंद

सरकार के खिलाफ इस बार सरकारी चिकित्सा शिक्षक लामबंद

जयपुर. प्रदेश के चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 29 मई से 2 घंटे कार्य बहिष्कार और इसके बाद 1 जून से पूर्ण कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. चिकित्सक शिक्षक एकेडमिक भत्ता, कांफ्रेंस के नियमों में सरलीकरण, परामर्श शुल्क में बढ़ोतरी जैसी 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. उधर प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव टी. रविकांत चिकित्सा व्यवस्थाओं को देखने के लिए एसएमएस अस्पताल पहुंचे और यहां डॉक्टर्स से वार्ता भी की.

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कमेटी के सामने मांग रखे हुए बीत चुके हैं 25 दिनः बीते दिनों चिकित्सक शिक्षकों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हुए 1 महीने काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर करते किया था. जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई, लेकिन कमेटी के सामने मांगों को रखने के बावजूद 25 दिन बीत गए. अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया. राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. धनंजय अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सक शिक्षक को एकेडमिक एलाउंस 229 रुपए प्रतिमाह मिलता है. बीते 30 साल से यही स्थिति बनी हुई है. जबकि एम्स जोधपुर में चिकित्सक शिक्षक को प्रतिमाह 20,000 रुपए एकेडमिक एलाउंस मिलता है. इसके अलावा करीब डेढ़ लाख रुपए अन्य एकेडमी एक्टिविटी के लिए दिए जाते हैं. इसे राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने भी माना, लेकिन इस पर में कोई आर्डर अब तक नहीं निकाला गया.

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पिछले 12 साल से नहीं बढ़ाया गया है परामर्श शुल्कः दूसरी ओर 2011 में तत्कालीन सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई गई थी. जिसमें परामर्श शुल्क निर्धारित किया गया था और 2014, 2016 में भी इसी तरह परामर्श शुल्क बढ़ाने को लेकर मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों की एक कमेटी की ओर से रिकमेंडेशन दी गई थी. बावजूद इसके 12 साल से परामर्श शुल्क नहीं बढ़ाया गया है. ऐसे में परामर्श शुल्क भी बढ़ाने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि इसी तरह की करीब 15 मांगों को सेक्रेटरी के सामने रखा गया, तो उन्होंने अधिकतर मांगों को जायज माना था, लेकिन उन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में शुक्रवार को गेट मीटिंग की गई. सोमवार 29 मई को चेतना यज्ञ रखते हुए 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा, और इसके बाद भी सरकार नहीं चेतती है तो आईएमए, रेजिडेंट डॉक्टर और प्राइवेट डॉक्टर के साथ मिलकर पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा. हालांकि इस कार्य बहिष्कार से इमरजेंसी सेवाओं और आईसीयू सेवाओं को दूर रखा जाएगा.

ये हैं डॉक्टर की प्रमुख मांगें:

  1. शैक्षणिक भत्ता 229 रु. प्रतिमाह से बढ़ाकर 10,000 रु. प्रतिमाह करने.
  2. अन्य विश्वविद्यालय में परीक्षा लेने के लिए जाने पर विशेष अवकाश की अनुमति.
  3. सेवा वर्षों के अनुसार ग्रेड वेतन दिए जाने.
  4. ब्रॉड स्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी के लिए एनएमसी की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रमोशन.
  5. पिछली समिति के अनुसार परामर्श शुल्क में संशोधन.
  6. चिकित्सा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष के आधार पर सेवानिवृत्ति और पेंशन नीति में संशोधन.
  7. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की ओर से दी जाने वाली विदेश यात्रा की अनुमति.
  8. जोखिम भत्ता बढ़ाकर 5000 प्रतिमाह.
  9. राजस्थान चिकित्सा शिक्षा का अलग संवर्ग बनाने.

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