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Special : कोरोना ने 6 महीने लगाया परिवार नियोजन पर ब्रेक, अब फिर शुरू हुए नसबंदी ऑपरेशन

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Published : Dec 8, 2020, 2:31 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 9:17 AM IST

कोरोना संक्रमण के दौरान परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रमों पर भी असर देखने को मिला है. इस दौरान प्रदेश में परिवार नियोजन से जुड़े सरकारी कार्यक्रम चिकित्सा विभाग की ओर से बंद कर दिया गए. अब लगभग 6 महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर चिकित्सा विभाग ने कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं. देखिये यह रिपोर्ट...

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प्रदेश में नसबंदी कार्यक्रम फिर शुरू

जयपुर. कोरोना संक्रमण के दौरान परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रमों पर भी बड़ा असर देखने को मिला. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश में परिवार नियोजन से जुड़े जितने भी कार्यक्रम चलाए जा रहे थे, उन्हें चिकित्सा विभाग की ओर से बंद कर दिया गया था. लेकिन अब कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में फिर से परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.

कोरोना के कारण बंद हुए नसबंदी कार्यक्रम फिर शुरू

प्रदेश के मेटरनिटी चाइल्ड हेल्थ डायरेक्टर डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला में जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान परिवार नियोजन से जुड़े स्थाई और अस्थाई कार्यक्रमों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था. स्थाई कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से पुरुष और महिला नसबंदी को शामिल किया गया है. कोविड-19 संक्रमण के दौरान करीब 6 महीने तक नसबंदी से जुड़ा कार्यक्रम बंद रहा. अस्थाई कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग ने इस दौरान सभी कार्यक्रम चालू रखे. राजस्थान चिकित्सा विभाग कार्यक्रम के तहत गर्भनिरोधक इंजेक्शन पीपीआई यूसीडी और कंडोम के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.

चिकित्सा विभाग ने 6 महीने बाद फिर शुरू किए परिवार नियोजन कार्यक्रम

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भारत सरकार ने जारी की थी गाइड लाइन

डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती दिनों में भारत सरकार की ओर से एक गाइड लाइन चिकित्सा विभाग को जारी की गई थी. जिसके तहत ऑपरेशन से जुड़े परिवार नियोजन के सभी कार्यक्रमों को रोक दिया गया था. ओला ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से हर माह जिलो में करीब 40 से 50 कैम्पों का आयोजन परिवार नियोजन को लेकर किया जाता था. जिसमें पुरुष और महिला नसबंदी की जाती थी.

राजस्थान में परिवार नियोजन- महत्वपूर्ण तथ्य

आंकड़ों की बात करें तो वर्तमान में राज्य की कुल प्रजनन दर 2.6 प्रतिशत है. चिकित्सा विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े में महिला नसबंदी करीब 40.7 प्रतिशत होती है. वहीं, पुरुष नसबंदी का आंकड़ा काफी कम है, पुरुष नसबंदी प्रदेश में 0.2 प्रतिशत ही है. पीपीआईयूसीडी से परिवार नियोजन का प्रतिशत 1.2% है. पिल्स द्वारा परिवार नियोजन का प्रतिशत 2.4% है. कंडोम से परिवार नियोजन का प्रतिशत 8.7% है.

कार्यक्रम के तहत गर्भनिरोधक इंजेक्शन पीपीआई यूसीडी पर जोर

वित्तीय वर्ष 2019 -20 में कुल 253430 नसबंदी प्रदेश भर में की गई तो वहीं वर्ष 2020- 21 सितंबर माह चिकित्सा विभाग की ओर से 47159 नसबंदी अब तक की गई है. वही अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन की बात की जाए तो वित्तीय वर्ष 2019 -20 में 220559 इंजेक्शन लगाए गए. वर्ष 2020- 21 सितंबर तक 117798 इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं. पीपीआईयूसीडी की बात की जाए तो वर्ष 2019-20 में 266639 पीपीआईयूसीडी लगाई गई तो वहीं इस वर्ष सितंबर माह तक 124506 पीपीआईयूसीडी लगाई जा चुकी हैं.

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एक बार फिर परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू

डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश में परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी गई है. हालांकि एक सेंटर पर 10 से अधिक ऑपरेशन नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा कोविड-19 गाइडलाइन के तहत ही इन नसबंदी से जुड़े ऑपरेशन शुरू किए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं जिसमें सास बहू सम्मेलन और पुरुष नसबंदी दिवस प्रमुख रूप से शामिल है.

Last Updated : Dec 9, 2020, 9:17 AM IST

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