जयपुर.हिंदू धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. ऐसे में माघ महीने में गुप्त नवरात्रि के दौरान अचला सप्तमी व्रत भी रखा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार खुद भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को इस व्रत के बारे में बताया था. साथ ही भगवान ने अचला सप्तमी व्रत को करने की विधि भी बताई थी. अचला सप्तमी को देश में कुछ स्थानों पर रथ सप्तमी के नाम से भी जानते हैं. इस साल यह व्रत 28 जनवरी, शनिवार यानि कल है.
पूजा का शुभ मुहूर्त- हिंदू पंचांग के मुताबिक अचला सप्तमी के पूजा का शुभा मुहूर्त माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 28 जनवरी, शनिवार की सुबह 08:43 तक रहेगी. सूर्योदय सप्तमी तिथि में इसी दिन होगा, इसलिए अचला सप्तमी का व्रत 28 जनवरी को ही किया जाएगा. पंचांग के मुताबिक अश्विनी नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा. भरणी और साध्य योग भी निर्मित हो रहा है.
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ऐसे करें अचला सप्तमी व्रत की पूजा-सुबह जल्दी उठकर नदी या सरोवर पर जाकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद तांबे के दीपक में तिल का तेल डालकर जलाएं और दीपक को सिर पर रखकर सूर्यदेव का ध्यान करें. साथ ही इस मंत्र का जाप करें -
नमस्ते रुद्ररूपाय रसानाम्पतये नम:।