दौसा.उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शनिवार को दौसा में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Rajendra Rathore attack on Minister Parsadi Meena) पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री यदि ज्ञानी होते तो इस्तीफा प्रकरण में बयान नहीं देते. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने गुण अवगुण के आधार पर याचिका पर संज्ञान लिया है और नोटिस जारी किए हैं. ऐसे में जब भी संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होता है तो न्यायालय हस्तक्षेप कर सकता है. ऐसे में न्यायालय के मामले में टिप्पणी करने का अधिकार उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा कि हो सकता है चिकित्सा मंत्री को टिप्पणी करने का अधिकार हो.
इस दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Political statements continues in Rajasthan) ऐसे वीर मंत्री हैं जो पहले दिन त्यागपत्र देते हैं और दूसरे दिन कैबिनेट की मीटिंग में भाग लेते हैं. वहीं तीसरे दिन सरकारी गाड़ी के साथ अपने क्षेत्र में मंत्री का रौब दिखाते हैं. ऐसे में उनकी नैतिकता कहां है, उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने त्यागपत्र क्यों दिए और फिर न्यायालय में याचिका के बाद लाइन लगाकर वापस क्यों ले रहे हैं.
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राठौड़ ने कहा कि यह तो थूक कर चाटने वाली स्थिति है. इस मामले में राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि चिकित्सा मंत्री तो राम जेठमलानी से (Kirori Lal Meena attack) भी बड़े होते हैं वे कुछ भी कह सकते हैं. गौरतलब है कि चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि स्पीकर के खिलाफ राजेंद्र राठौड़ द्वारा हाईकोर्ट में जाना विधानसभा की अवमानना है. उन्हें इस मामले को विधानसभा में ही चर्चा करनी चाहिए थी और हाइकोर्ट में नहीं जाना चाहिए था. मंत्री ने यह भी कहा था कि विधायक का अधिकार है इस्तीफा देना और लेना. आज चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के इसी बयान पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है.