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पॉक्सो पीड़ित को मिलेगा सपोर्ट पर्सन, राज्य सरकार देगी पैसा: शैलेंद्र पंड्या

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Published : Feb 9, 2021, 4:24 PM IST

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर चित्तौड़गढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पॉक्सो पीड़ित को अब सपोर्ट पर्सन मिलेगा और इसके लिए राज्य सरकार 4500 रुपए देगी.

Chittorgarh Latest News,  Shailendra Pandya on Chittorgarh tour
चित्तौड़गढ़ दौरे पर शैलेंद्र पंड्या

चित्तौड़गढ़.राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर चित्तौड़गढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जिले में विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट में पीड़ित को उपलब्ध होने वाली राशि सपोर्ट पर्सन को दी जाएगी. इससे पीड़ित को एक अच्छा सपोर्ट पर्सन मिल सकेगा.

चित्तौड़गढ़ दौरे पर शैलेंद्र पंड्या

बता दें कि राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सोमवार रात को चित्तौड़गढ़ पहुंचे. मंगलवार को उन्होंने जिला मुख्यालय पर पंचवटी प्रतापनगर में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने कक्षा कक्ष में जाकर बच्चों से बातचीत की. पंड्या ने आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया.

गहलोत सरकार की ओर से आदेश जारी

शैलेंद्र पंड्या ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के मामलों में हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से एक आदेश जारी हुआ है. आदेश के तहत पॉक्सो एक्ट में सपोर्ट पर्सन के नाम से एक प्रावधान है. इसमें जो भी पीड़ित बालक या बालिका है, उनको कानूनी जानकारी और मनोवैज्ञानिक तरीके से सहयोग देने के लिए एक सपोर्ट पर्सन अप्वाइंट करना चाहिए, ऐसा पॉक्सो में प्रोविजन है.

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उन्होंने कहा कि इससे पहले पैसों का प्रावधान नहीं होता था, इससे बालक या बालिका को अच्छा सपोर्ट पर्सन नहीं मिल पाता था. अब प्रदेश की गहलोत सरकार ने बालमित्र के नाम से बाल अधिकारिता विभाग को आदेश जारी किया है. इसके माध्यम से जिस किसी भी जिले में पॉक्सो का पीड़ित आता है तो संबंधित जिले की बाल कल्याण समिति एक आदेश जारी करेगी.

सपोर्ट पर्सन किया जाएगा नियुक्त

आयोग के सदस्य ने कहा कि इसके बाद जो व्यक्ति सही लगेगा, उसे सपोर्ट पर्सन नियुक्त करेगी. इसके बाद उस व्यक्ति को तुरंत 4500 रुपए मिलेंगे. केस पूरा होने का बाद पीड़ित को जो सहायता मिलनी है वह भी मिल जाएगी. उन्होंने कहा है कि पॉक्सो में हर जगह यह उल्लेखित है कि बच्चों को बिना परेशान किए उसके सभी बयान दर्ज किए जाते हैं. बालक और बालिका को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है.

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शैलेंद्र पंड्या ने कहा कि यदि पीड़ित बोल नहीं सकता और उसके बयान दर्ज होने हैं तो बालिका के साथ महिला पुलिस का होना अनिवार्य है. न्यायालय में उसकी सुनवाई हो रही है तो दोभाषिया अनुवादक के तौर पर रहे. ये सारे प्रावधान पॉक्सो एक्ट में है. कई बार सूचना और जानकारी के अभाव में जमीनी स्तर पर इम्प्लीमेंट नहीं हो पाती है.

राजस्थान में काफी सुधार आया है

पंड्या ने कहा कि बाल श्रम निश्चित रूप से गंभीर और चिंता का विषय है. बच्चों के संदर्भ में अगर आंकड़े देखें तो वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जो स्थिति थी और 2011 की जो स्थिति है, उसमें काफी सुधार आया है. राजस्थान छठवें स्थान से तीसरे स्थान पर आया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में संतोषजनक स्थिति नहीं है, फिर भी राजस्थान बहुत अच्छे बाल मित्र स्टेट की श्रेणी में आ चुका है.

स्कूलों में लिखवाया जा रहा आयोग का नाम और नंबर

सदस्य ने कहा कि पूर्व में ही एक आदेश जारी हो चुका है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्कूल में बंद था तो सूचना सभी जगह नहीं पहुंच पाई. उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोग का नाम एवं नंबर लिखवाया जा रहा है. साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर भी लिखवाया जा रहा है.

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