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कागजों में शिक्षक दिखाकर लाखों का घोटाला, पुलिस के हत्थे चढ़ा संविदाकर्मी

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Published : Aug 30, 2021, 10:57 PM IST

कागजों में शिक्षक दिखाकर लाखों का घोटाला, Rajasthan News
कागजों में शिक्षक दिखाकर लाखों का घोटाला ()

भीलवाड़ा जिले के बलियास थाना पुलिस ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गेगा का खेड़ा में कागजों में शिक्षक का वेतन बनाकर 12 लाख रुपए का गबन करने के आरोपी संविदा कर्मी को गिरफ्तार कर लिया.

भीलवाड़ा.जिले को कोटड़ी क्षेत्र में सीबीईओ कार्यालय में प्लेसमेंट एजेंसी के मार्फत लगे कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल सुवालका ने कागजों में अलग-अलग स्कूलों में शिक्षक दिखाकर उनके नाम से पैसे उठा लिए. खास बात है कि ऑपरेटर सुवालका ने यह पैसे अपनी पत्नी के खाते में जमा कराए. इसमें लाखों रुपये का गबन सामने आ चुका है. इसमें ऑपरेटर ने रीठ, गेगा का खेड़ा समेत कई स्कूलों में गबन किया है. यह मामले पुलिस थानों में दर्ज हो चुके हैं.

बडलियास थाना प्रभारी राजेंद्र ताडा ने कहा कि 12 अगस्त को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गेगा का खेड़ा के प्रधानाचार्य चंद्र सिंह राजपूत ने रिपोर्ट दी कि पीईईओ क्षेत्र गेगा का खेड़ा के कनिष्ठ लिपिक को कंप्यूटर ऑपरेट करने की जानकारी नहीं होने से वह अपने विश्वसनीय सीबीईओ ऑफिस कोटडी के संविदा कर्मी गोपाल लाल सुवालका से वेतन बिल संबंधी कार्य करवाता था.

संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर गोपाल लाल सुवालका ने रवि कुमार नामक शिक्षक के नाम पर 12 लाख रुपए की राशि राजकोष से गबन कर ली. पुलिस की ओर से जांच में यह भी सामने आया कि संबधित अधिकारीयों/कर्मचारीयों की ओर से कार्यालय के गोपनीय यूजर आईडी और पासवर्ड भी संविदाकर्मी को उपलब्ध करावा दिये और सुपरविजन अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं देने और लम्बे समय से कार्यालय की ऑडिट नहीं कराने से इस मामले का पटाक्षेप नहीं हो पाया. जिससे आरोपी गोपाल लाल मनमर्जी से राजकोष की राशि में इतने बड़े पैमाने पर गबन कर पाया.

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आरोपी गोपाल लाल से उक्त प्रकरण में विस्तृत पूछताछ और आरोपी की ओर से स्वीकारोक्ती और अन्य प्राप्त साक्ष्यों से मामले का पटाक्षेप होने पर दिनांक 30.08.2021 को मुल्जिम गोपाल लाल सुवालका को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. मामले में अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही आरोपी गोपाल लाल सुवालका के खिलाफ कोटड़ी पुलिस ने 60 लाख रुपये के गबन का एक और मामला दर्ज किया गया था, जिसकी पुलिस अभी जांच कर रही है.

श्रीगंगानगर की तरह ही हुआ गबन

शिक्षा निदेशक ने बताया कि श्रीगंगानगर में भी कागजों में शिक्षक दिखाकर उपार्जित अवकाश के बिल बनाकर करोड़ों रुपए हड़प लिए थे. इसमें कुछ शारीरिक शिक्षक शामिल थे. इस मामले में भी निदेशालय से एक टीम गंगानगर गई और वित्तीय ऑडिट हुई. इसमें करीब 35 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था. इसी तरह भीलवाड़ा में भी कागजों में शिक्षक दिखाकर उनकी तनख्वाह के नाम पर गबन हुआ है.

ऑडिट पर सवाल, नहीं पकड़ा गबन

शिक्षा विभाग की ओर से सालाना ऑडिट होती है. इसमें एक-एक रुपए का हिसाब मांगा जाता है. शिक्षा विभाग में पिछले 11 साल से लाखों रुपए का वेतन फर्जी तरीके से उठा लिया गया, लेकिन ऑडिट प्रक्रिया में नहीं पकड़ा जा सका. इससे ऑडिट पर ही सवाल उठने लगे हैं. वहीं, जो कार्मिक और अधिकारी इस कार्यालय में नियुक्त रहे उनकी भूमिका भी संदिग्ध लग रही है.

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