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संगीता बेनीवाल पहुंचीं भीलवाड़ा, कलेक्टर व एसपी संग की बैठक...कहा- बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने का मामला पुराना

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Published : Oct 29, 2022, 4:12 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 6:35 PM IST

भीलवाड़ा में बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने के मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल शनिवार को शहर (Sangeeta Beniwal in Bhilwara) पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने एसपी और कलेक्टर के साथ बैठक कर पूरी जानकारी ली. बेनीवाल ने कहा कि बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने का मामला पुराना है. वर्ष 2019 में इस प्रकार की घटना सामने आई थी. वर्तमान में ऐसा कुछ नहीं है.

Sangeeta Beniwal meeting with Collector and SP
Sangeeta Beniwal meeting with Collector and SP

भीलवाड़ा.जिले के पडेर क्षेत्र में नाबालिग बच्चियों को शपथ पत्र लिखकर (Case of selling girls on stamp in Bhilwara) बेचने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है जिसका संज्ञान लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भीलवाड़ा पहुंचीं. उन्होंने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य संगठनों के साथ बैठक (Sangeeta Beniwal meeting with Collector and SP) ली.

बैठक के बाद बेनीवाल ने कहा कि यह मामला जो वर्तमान में सुर्खियों में वह वर्ष 2019 का है और उस समय सरकार ने विशेष ऑपरेशन चलाकर बच्चियों का पुनर्वास किया था. वह दो बच्चियां वर्तमान में नारी निकेतन में हैं, उनसे भी मैं जाकर मिलूंगी. सरकार ऐसी घटना न हो इसके लिए बहुत संवेदनशील है. अभी जो खबरें चल रही हैं वह वर्तमान की नहीं बल्कि पुरानी घटना है. ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए वर्तमान में हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

संगीता बेनीवाल पुहंचीं भीलवाड़ा

जिले के पंडेर गांव में नाबालिग बच्चियों को शपथ पत्र लिखकर बेचने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर आज राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल भीलवाड़ा पहुंचीं जहां उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर आशीष मोदी, एसपी आदर्श सिद्धू सहित महिला बाल विकास एवं एनजीओ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर गंभीर चर्चा की.

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बैठक के बाद भीलवाड़ा जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि प्रकरण के मीडिया में आने के बाद जानकारी जुटाई गई तो पता लगा कि यह वर्ष 2005 व उसके बाद इस प्रकार की कुछ घटनाएं हुईं थीं. उस घटना के बाद वर्ष 2019 में भी ऐसा एक मामला सामने आया था. उस समय प्रशासन की ओर से ऑपरेशन गुड़िया चलाकर 7 बालिकाओं को रेस्क्यू कर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 25 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था.

ऐसे मामले और न हों इसके लिए हम नियमित रूप से प्रयासरत हैं और सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है. जिला कलेक्टर ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अप्रैल 2022 में एक वेश्यावृत्ति में शामिल महिला विवाह करना चाहती थी. मामला सामने आया तो उस केस में पुलिस एवं प्रशासन ने सहयोग करते हुए महिला का विवाह संपन्न करवाया गया और उनके निवास तक पहुंचाया.

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राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि जिस तरह से मीडिया और सोशल मीडिया में यह खबर चल रही थी कि बच्चियों को स्टाम्प पर बेचा जा रहा है और हार्मोन्स के लिए इंजेक्शन लगाया जा रहा है. उसे लेकर आयोग को जानकारी प्राप्त हुईं तो तुरंत मामले पर संज्ञान लिया गया. बेनीवाल ने बताया कि आज वह भीलवाड़ा पहुंचीं और जिला कलेक्टर व एसपी व अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरी जानकारी जुटाई. पूरे मामले की लिखित में तथ्यात्मक रिपोर्ट ली तो पता लगा कि यह घटनाक्रम वर्ष 2019 का है उस समय 7 बच्चियों को रेसक्यू किया गया था. उस समय एक बालिका सरकारी गवाह बन गई. 6 बच्चियों के बयान के बाद उन्हें बालिका गृह भेजा है. उसमे से 4 बच्चियों का पुनर्वास कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा से बच्चों को जोड़ने का निर्देश दिया है जिससे ऐसे मामले पर विराम लग सके.

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जिले के पंडेर क्षेत्र में होती थी ऐसी घटना
बालिकाओं के खरीद फरोक्त के मामले की घटना अधिकतर जिले के पंडेर क्षेत्र में होती है. यहां गांव के पास ही कंजर बस्ती है जिसमें काफी संख्या में कंजर जाति के लोग रहते हैं. वहां पूर्व में ऐसी घटनाएं हुई थीं लेकिन अब ऐसी घटना नहीं हो रही हैं. इसलिए सरकार एवं प्रशासन ने इस घटना को सिरे से खारिज कर दिया है.

मेवाड़ क्षेत्र में प्रसिद्ध है नाता प्रथा
भीलवाड़ा जिले में अधिकतर समाज में वर्तमान में भी नाता प्रथा होती है जहां शादी के बाद महिला के ससुराल में परिवार वालों से मनमुटाव या अपने पति के देहांत के बाद महिला नाता विवाह करती है. इसमें महिला पहले पति को छोड़कर दूसरे पुरुष के साथ नाता प्रथा के रूप में शादी कर लेती है. उस समय महिला जिस दूसरे व्यक्ति के साथ नाता विवाह करती है उस पुरुष की ओर से पूर्व के पति या उनके परिवार वालों को पैसे देने पड़ते हैं. साथ ही महिला जिस पुरुष के साथ नाता विवाह करती है वहां पहले वाले पति या उनके पीहर पक्ष की ओर से नाता विवाह का शपथ पत्र लिखा जाता है और उसको समाज में प्रमुख रूप से माना जाता है.

Last Updated :Oct 29, 2022, 6:35 PM IST

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